Jharkhand News: रांची में I.N.D.I.A. का हल्लाबोल, HEC बचाने के लिए धरना प्रदर्शन
I.N.D.I.A. गठबंधन की पहली चुनावी रैली भले ही मध्यप्रदेश के भोपाल में हो, लेकिन केंद्र के खिलाफ गठबंधन के आंदोलन का आगाज झारखंड की राजधानी रांची से हो गया है.
highlights
- HEC बचाने के लिए धरना प्रदर्शन
- गठबंधन नेताओं को मिला मजदूरों का साथ
- केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
Ranchi:
I.N.D.I.A. गठबंधन की पहली चुनावी रैली भले ही मध्यप्रदेश के भोपाल में हो, लेकिन केंद्र के खिलाफ गठबंधन के आंदोलन का आगाज झारखंड की राजधानी रांची से हो गया है. जहां I.N.D.I.A. गठबंधन ने HEC को बचाने के लिए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. HEC यानी हैवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन लिमिटेड, जिसे एशिया की सबसे बड़ी मदर इंडस्ट्री कहा जाता था. HEC ने इसरो से लेकर रक्षा मंत्रालय तक के लिए कई मशीनें तैयार की, लेकिन आज HEC अपने अस्तित्व को बचाने की जद्दोजहद में लगा है. 18 महीने से HEC कर्मियों को वेतन नहीं मिला है. कर्मचारियों और मजदूरों की स्थिति दयनीय हो गई है. ऐसे में I.N.D.I.A. गठबंधन ने मजदूरों को भुखमरी से बचाने और HEC को वापस इंडस्ट्री के रूप में इस्टैब्लिश करने के लिए प्रदर्शन किया. जहां गठबंधन नेताओं को HEC मजदूरों का भी साथ मिला. जहां बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने राजभवन तक रैली निकाली और राजभवन के सामने केंद्र के खिलाफ विरोध जताया.
गठबंधन नेताओं को मिला मजदूरों का साथ
विपक्ष हमेशा से ही केंद्र सरकार पर HEC की उपेक्षा का आरोप लगाता आया है. विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार HEC को भी कथित उद्योगपति मित्रों के हवाले करना चाहती है. यही वजह है कि इंडिया दलों की संयुक्त बैठक केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन का फैसला लिया गया. हालांकि ये आंदोलन राष्ट्रव्यापी होगा, लेकिन इसका आगाज रांची में जन आंदोलन के रूप में हुआ. जहां विपक्षी नेताओं के साथ ही मजदूरों ने भी HEC की अनदेखी को लेकर केंद्र पर निशाना साधा.
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केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
एशिया की सबसे बड़ी मदर इंडस्ट्री आज संकट में है. 2800 हेक्टेयर भूमि पर फैले HEC की शुरूआत 15 नवंबर 1963 को हुई. उस वक्त एचईसी को “मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री ” कहा गया था. 22 हजार कर्मचारियों से शुरू हुई HEC में आज 3,000 कर्मचारी रह गए हैं. कर्मचारियों को भी वेतन देने के लिए भी एचईसी के पास पैसे नहीं हैं.
सरकार की अनदेखी के चलते आज HEC बंद होने की कगार पर है. चंद्रयान GSLV के लिए लॉन्च पैड बनाने में भी एचईसी ने बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन आज नौबत ये है कि इसे बचाने के लिए इंडिया गठबंधन और कर्मचारियों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है.
रिपोर्ट : महक मिश्रा
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