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दूसरी औरत के चक्कर में अपनों को भूला पति, बच्चों के साथ ठोकर खाने को मजबूर पत्नी

गुमला की एक महिला पति से प्रताड़ित होकर अपने तीन मासूम बच्चों को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

Updated on: 19 Nov 2022, 03:52 PM

highlights

. तीन मासूम बच्चों को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर महिला

. न्याय की गुहार लगा रही पीड़िता, नहीं मिल रही मदद

Gumla:

गुमला की एक महिला पति से प्रताड़ित होकर अपने तीन मासूम बच्चों को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं. कोर्ट से आदेश के बाद भी महिला को उसका पति द्वारा लालन पालन के लिए निर्धारित राशि नहीं दे रहा है, जिसके बाद महिला ने एक बार फिर से कोर्ट का दरवाजा खटकाया है. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण दो मासूम बच्चों की स्कूल की भी पढ़ाई बाधित हो गई, जबकि बच्चे पढ़ना चाहते हैं. पारिवारिक रिश्तों में पति-पत्नी का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता होता है, जो एक-दूसरे का जन्म-जन्म तक साथ निभाते हैं. जिसके कारण दोनों में किसी को भी जीवन में दुख का एहसास नहीं होता है, लेकिन जब किसी महिला के लिए उसका पति ही उसके दुख का कारण बन जाए तो महिला क्या करें.

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जी हां, कुछ ऐसा ही हुआ है गुमला की रहने वाली सोनी देवी के साथ, जो सदर प्रखंड के डुमरतोली की रहने वाली है. जिसकी शादी केसीपरा निवासी बालगोविंद साहू से 2003 में हुई थी, जो आर्मी में काम करता था, लेकिन शादी के बाद से ही वह उसे प्रताड़ित करता था. जब तीन बच्चे हो गए तो उसने एक दूसरी औरत को रख लिया और उसे कोई सहयोग नहीं करता था, जिसके बाद सोनी ने कोर्ट में केस किया. जिसके बाद कोर्ट ने पांच माह पूर्व आदेश दिया कि सोनी का पति उसे लालन पालन के लिए आठ हजार रुपये प्रतिमाह देगा, लेकिन वह नहीं देता है. जिससे महिला आज दाने-दाने को मोहताज हो गई है. वहीं इसी के कारण उसके बच्चे की पढ़ाई भी छूट गई. बच्चे भी कहते हैं कि खाने को व्यावस्था नहीं तो पढ़ाई कैसे करें.

वहीं जब महिला की दुख भरी कहानी जब सामाजिक कार्यकर्ता आर्यन राम को पता चली तो उन्होंने पहले तो पीड़ित महिला को आर्थिक मदद दी. साथ ही उसे न्याय दिलाने को लेकर पहल शुरू की है, एक अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में आवेदन देने के साथ एसपी व डीसी को भी आवेदन दिया है. उन्होंने डीसी से मदद की अपील की है. अधिवक्ता मोशहद आजमी ने इस मामले को एक इंसानियत की हैसियत से लड़ने की बात कहते हुए पहले तो पीड़ित महिला को अपनी ओर से मदद किया. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने कोर्ट में आवेदन देकर आरोपी पति के खिलाफ वारंट जारी करवाया है. उनकी कोशिश है कि पीड़ित को पूरी मदद मिल सके. साथ ही उन्होंने डीसी से पीड़ित के बच्चों की पढ़ाई लिखाई की व्यावस्था करवाने की अपील की है.

पीड़िता ने न्याय के लिए एक बार फिर से गुहार तो लगाई है, जिससे उसे उम्मीद है कि उसे न्याय मिल पायेगा. साथ ही अब देखना है कि प्रशासन भी इस महिला के साथ ही उनके मासूम बच्चों को किस तरह मदद करती है ताकि उनकी जीवनयापन व पढ़ाई लिखाई को बेहतर बनाया जा सके क्योंकि एक व्यक्ति की करतूत के कारण महिला तो दर-दर भटक ही रही है. वहीं मासूम बच्चों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.