ऐतिहासिक है राजधवनार के राजघाट की छठ, कई राज्यों से सजावट देखने पहुंचते हैं लोग

राजधनवार राजघाट की छठ पूजा और इस अवसर पर घाट सहित नगर की होने वाली सजावट किसी परिचय की मोहताज नहीं है.

राजधनवार राजघाट की छठ पूजा और इस अवसर पर घाट सहित नगर की होने वाली सजावट किसी परिचय की मोहताज नहीं है.

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Vineeta Kumari
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ऐतिहासिक है राजधवनार के राजघाट की छठ( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

राजधनवार राजघाट की छठ पूजा और इस अवसर पर घाट सहित नगर की होने वाली सजावट किसी परिचय की मोहताज नहीं है. आस्था ऐसी कि हर वर्ष सैकड़ों फिट घाट की सीढ़ियों के विस्तार होता रहा है. बगल के दीवान टोला छठ घाट को छूने लगा है. बावजूद व्रतियों की बढ़ती संख्या के कारण छोटा पड़ जाता है. ऐसी अलौकिक और अनोखी सजावट का रिकार्ड हर बार टूट जाता है. विधुत सज्जा से जैसे समय थम जाता हो, मेला के दौरान  रात-दिन के फासले मिट जाते हैं. अलौकिक सजावट के बीच छठ की छटा देखने के लिए अन्य प्रखंडों, जिलों व पड़ोसी प्रदेशों से लाखों श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता है ,लेकिन सारे सूर्यदेव की निगहवानी में होते हैं. अनुशासित रहते हैं. गलती करने पर छठ मैया के दंड का भय भी बना रहता है. 

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हालांकि छठ पूजा महासमिति के लोग, समस्त नगरवासी और प्रखंड व अनुमंडल प्रशासन भी विधि और व्यवस्था को लेकर पूरी तरह  मुस्तैद रहते हैं. यूं तो छठ के चालीस दिन पूर्व से ही राजघाट पर तैयारी शुरू हो जाती है लेकिन दुर्गा पूजा संपन्न होते ही अन्य प्रांतों से पहुंच सज्जा विशेषज्ञ अपना-अपना काम जोर-शोर से शुरू कर देते हैं. तभी से व्यवस्था और तीन दिवसीय मेले की विधि-व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक बैठकों का दौर भी शुरू हो जाता है. ना सिर्फ सारे नगरवासी बल्कि सारे सरकारी महकमे भी इस आयोजन में अपने-अपने दायित्व के साथ सक्रिय हो जाते हैं. 

आयोजन में राजपरिवार का भी पूरा सहयोग व समर्थन रहता है. इसबार भी बंगाल से आये सज्जा कलाकारों की टीम पिछले एक माह से राजघाट पर महासमिति के संरक्षक अनूप संथालिया के निर्देशन व जयप्रकाश गुप्ता, रोबिन कुमार, पंकज कुमार, मुन्ना साव, दिनेश संथालिया, गोपाल साव आदि की निगरानी में सौंदर्य का जादू बिखेरने में लगे हैं.  इस बार भी छठ मेला में श्रद्धालुओं को कई अनुपम दृश्य देखने को मिलेंगे. खरना की शाम से ही नगर में प्रवेश करते ही सुंदर तोरण द्वार, नैसर्गिक सजावट और इंद्रधनुषी विद्युत सज्जा के कारण उन्हें किसी स्वप्न लोक में प्रवेश का अहसास होने लगेगा.

ज्यों-ज्यों कदम राजघाट की ओर बढ़ेंगे,मुग्धता बढ़ती ही जाएगी।राज कचहरी परिसर की सज्जा, विधुतीय गेट और जुरासिक पार्क में जंगली जीव-जंतुओं की  विधुत संचालित मूर्तियां आपको रोमांचित कर देंगी. वहीं बगल में तरह-तरह के झूले व खेल-तमासे भी बच्चों को रिझाएंगे. वहां से राजघाट की ओर बढ़ेंगे तो सतरंगी रोशनी में नहाते कई सुंदर दृश्य आपको ठिठकने पर मजबूर कर देंगे.

Source : News State Bihar Jharkhand

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