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अपनी नाकामी केंद्र पर थोप रही है हेमंत सोरेन सरकार, रघुबर दास ने लगाए आरोप

दास ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार न तो विधि व्यवस्था संभाल पा रही है न लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा पा रही है. राहत कार्य की असलियत तो जगजाहिर है.

Updated on: 10 Apr 2020, 02:02 PM

जमशेदपुर:

झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने आरोप लगाया है कि हेमंत सोरेन सरकार अपनी विफलता का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ना चाह रही है. रघुबर दास (Raghubar Das) ने आरोप लगाया कि जहां केंद्र सरकार ने कोरोना से परेशान गरीब, जरूरतमंदों के लिए खजाने खोल दिये हैं, राज्य सरकार ने अपने ख़जाना का मुंह बंद कर रखा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि हर काम केंद्र सरकार करे.

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रघुबर दास ने कहा कि केंद्र सरकार ने झारखंड को प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत 415 करोड़ रुपये, मनरेगा के तहत राज्य सरकार को 602 करोड़ रुपये, एस.डी.आर.एम. फंड के लिए 284 करोड़ रुपये की सीधी आर्थिक सहायता दी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान योजना के तहत झारखंड में 2000 रुपये प्रति किसान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन कार्डधारियों को अगले तीन माह तक अतिरिक्त पांच किलो चावल या गेहूं, एक किलो दाल देने का निर्णय लिया है.

दास ने कहा कि दिव्यांगों व विधवाओं को 1000 रुपये की सहायता और जन धन खाते में अगले तीन माह तक 500-500 रुपये की सहायता केंद्र दे रही है. उज्जवला योजना के तहत तीन माह तक मुफ्त सिलिंडर दिया जायेगा. उन्होंने सवाल किया कि राज्य सरकार बताये की केंद्र से मिली सहायता को उसने कितना जमीन पर उतारा है. साथ ही राज्य के कोष से उसने क्या क्या किया है.

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दास ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार न तो विधि व्यवस्था संभाल पा रही है न लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा पा रही है. राहत कार्य की असलियत तो जगजाहिर है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग दूसरे राज्यों में फँसे हैं उनमें 90 प्रतिशत को राज्य सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिली है.

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