Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन से म‍िलने पहुंचे आद‍िवासी युवा, पेसा नियमावली के स्वीकृत होने पर द‍िया धन्‍यवाद

आद‍िवासी युवाओं को अपना संदेश देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा क‍ि आप सभी युवा हैं, मुझे विश्वास है कि युवा झारखंड को आगे बढ़ाने में आपका सार्थक सहयोग राज्य को मिलता रहेगा. आप सभी को बहुत-बहुत बधाई, धन्यवाद और जोहार.

आद‍िवासी युवाओं को अपना संदेश देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा क‍ि आप सभी युवा हैं, मुझे विश्वास है कि युवा झारखंड को आगे बढ़ाने में आपका सार्थक सहयोग राज्य को मिलता रहेगा. आप सभी को बहुत-बहुत बधाई, धन्यवाद और जोहार.

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Shyam Sundar Goyal
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सीएम हेमंत सोरेन युवाओं के साथ Photograph: (hemant soren official)

Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पेसा नियमावली को कुछ द‍िनों पहले ही स्वीकृत क‍िया है. शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन रांची आवास में आदिवासी समाज के युवाओं के साथ 'आभार' कार्यक्रम में शामिल हुए. 

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इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने एक्‍स पर एक पोस्‍ट ल‍िखी. इसमें कहा गया, " अबुआ सरकार द्वारा पेसा नियमावली की स्वीकृति के पश्चात आज रांची आवास में आदिवासी समाज के युवाओं के साथ आभार कार्यक्रम में शामिल हुआ. आप और हम सभी का यह दायित्व है कि इससे जुड़े बिंदुओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें. आने वाले समय में लोगों को पेसा कानून को लेकर जागरूक करें." 

युवाओं को द‍िया संदेश 

आद‍िवासी युवाओं को अपना संदेश देते हुए सोरेन ने कहा क‍ि आप सभी युवा हैं, मुझे विश्वास है कि युवा झारखंड को आगे बढ़ाने में आपका सार्थक सहयोग राज्य को मिलता रहेगा. आप सभी को बहुत-बहुत बधाई, धन्यवाद और जोहार.

क्‍या है मामला 

बता दें क‍ि झारखंड सरकार ने 23 दिसंबर को राज्य के जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए पेसा नियमावली — पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) झारखंड नियमावली, 2025 — के गठन की स्वीकृति दी थी. इसके दायरे में राज्‍य के 15 जिले होंगे. 

पेसा कानून में क्‍यों हुए हैं बदलाव? 

पेसा कानून यानी पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 को इसलिए लाया गया क्योंकि सामान्य पंचायत कानून आदिवासी समाज की सामाजिक संरचना, परंपराओं और सामुदायिक स्वामित्व की भावना से मेल नहीं खाता था. नए नियमों के तहत ग्राम पंचायतों को अपने क्षेत्र में खनन अधिकार, भूमि अधिग्रहण और वन भूमि से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय लेने का वैधानिक अधिकार प्राप्त होगा. योजना बनाने में ग्राम सभा की भूमिका होगी. पारंपरिक ग्राम सभाओं को अधिकार दिया गया है. सभी ग्राम सभा अपने परंपरा को अधिसूचित करेगी.  ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा को लघु वन उपज के उपयोग, स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, जल संसाधन प्रबंधन के भी अधिकार भी प्राप्त होंगे.

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