चप्पल पहन गार्ड ऑफ ऑनर लेने पहुंचे हेमंत सोरेन, बोले- जल्द खत्म करूंगा पुरानी परंपरा
झारखंड की नई नवेली सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक छोटी सी गलती की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं.
रांची:
झारखंड की नई नवेली सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक छोटी सी गलती की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 2 जनवरी को परिवार के साथ रामगढ़ के रजरप्पा में शक्तिपीठ रजरप्पा मंदिर पहुंचे थे. यहां सीएम सोरेन को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. वो चप्पल पहनकर गार्ड ऑफ ऑनर लेने पहुंच गए थे. उन्होंने जींस के नीचे चप्पल पहनी हुई थी. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि चप्पल जूतों का रिवाज अंग्रेजों द्वारा बनाई गई दकियानूसी परम्परा है, जिसे मैं नहीं मानता.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, 'साथियों, तस्वीर को जहां कुछ लोग मेरी सादगी से जोड़ रहे हैं तो वहीं इक्का दुक्का लोग मुझे यह भी बता रहे हैं की चप्पल पहन मैंने गार्ड ऑफ ऑनर ले परम्परा का पालन नहीं किया. सच्चाई यह है कि पुलिस के जवान भाई मेरे इंतेजार में बारिश में काफी पहले से खड़े कर दिए गए थे.'
साथियों,
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 4, 2020
इस तस्वीर को जहाँ कुछ लोग मेरी सादगी से जोड़ रहे हैं तो वहीं इक्का दुक्का लोग मुझे यह भी बता रहे हैं की चप्पल पहन मैंने गार्ड ऑफ ऑनर ले परम्परा का पालन नहीं किया।
सच्चाई यह है की पुलिस के जवान भाई मेरे इंतेज़ार में बारिश में काफ़ी पहले से खड़े कर दिए गए थे - 1/2 pic.twitter.com/Q45CsE3i6P
उन्होंने आगे लिखा, 'इसलिए मैं जिस रूप में था- सबसे पहले उनका सम्मान कर उन्हें मुक्त करना आवश्यक था और दूसरी बात की चप्पल जूतों का रिवाज अंग्रेज़ों द्वारा बनाई गई दकियानूसी परम्परा है, जिसे मैं नहीं मानता. पिछली शासन द्वारा मुख्यमंत्री के हर दौरे पर दिया जाने वाली इस परम्परा को मैं जल्द से जल्द समाप्त करने को संकल्पित हूं, ताकि हमारे पुलिसकर्मी वीआईपी रूढ़िवादिता में समय व्यर्थ करने की जगह वो समय जनता की सेवा में लगा सकें.'
इसलिए मैं जिस रूप में था - सबसे पहले उनका सम्मान कर उन्हें मुक्त करना आवश्यक था।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 4, 2020
और दूसरी बात की चप्पल जूतों का रिवाज अंग्रेज़ों द्वारा बनायी गयी दक़ियानूसी परम्परा है जिसे मैं नहीं मानता।
पिछली शासन द्वारा मुख्यमंत्री के हर दौरे पर दिया जाने वाली इस परम्परा को मैं जल्द से 2/3
जल्द समाप्त करने को संकल्पित हूँ ताकि हमारे पुलिसकर्मी VIP रूढ़िवादिता में समय व्यर्थ करने की जगह वो समय जनता की सेवा में लगा सकें।3/3
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 4, 2020
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गौरतलब है कि हेमंत सोरेन ने झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने हैं. उन्होंने 29 दिसंबर 2019 को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. झारखंड में बीजेपी को पटखनी देने के बाद झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन ने सरकार बनाई है. इस गठबंधन ने झारखंड विधानसभा चुनाव में 81 सीटों में से 47 सीटों पर कब्ज़ा जमाया. जिसमें झामुमो ने 30, कांग्रेस ने 16 और राजद ने एक सीट जीती. झाविमो ने भी इस गठबंधन को अपना समर्थन दिया है.
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