/newsnation/media/media_files/2025/12/18/no-confidence-motion-haryana-govt-2025-12-18-18-20-42.jpg)
Haryana: हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस की ओर से नायब सैनी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव अब औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है. विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण ने कांग्रेस के नोटिस को मंजूरी देते हुए इसे सदन की कार्यसूची में शामिल कर दिया है. इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि शुक्रवार को विधानसभा में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी और सत्ता पक्ष व विपक्ष आमने-सामने होंगे.
कांग्रेस का आरोप, सरकार नाकाम रही
कांग्रेस ने इस अविश्वास प्रस्ताव के जरिए राज्य सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष का कहना है कि मौजूदा सरकार जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विफल रही है. बेरोजगारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक फैसलों को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार की आलोचना करती रही है. अब उसी विरोध को औपचारिक रूप देते हुए कांग्रेस ने सदन के पटल पर अविश्वास प्रस्ताव रखा है, ताकि सरकार की जवाबदेही तय की जा सके.
स्पीकर की मंजूरी के बाद बढ़ा सियासी तापमान
स्पीकर की ओर से प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. माना जा रहा है कि विधानसभा में इस मुद्दे पर जोरदार बहस होगी. कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा करने की पूरी कोशिश करेगी, वहीं सत्तारूढ़ दल अपने फैसलों और उपलब्धियों का बचाव करेगा. यह बहस न सिर्फ सदन के भीतर बल्कि राज्य की राजनीति में भी अहम असर डाल सकती है.
मतदान से तय होगा सरकार का भरोसा
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मतदान होगा, जिससे यह साफ हो जाएगा कि सरकार को विधानसभा का बहुमत समर्थन हासिल है या नहीं. हालांकि संख्या बल को देखते हुए सरकार की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत विश्वास की परीक्षा बता रहा है. अविश्वास प्रस्ताव को सदन में लाना हमेशा एक अहम राजनीतिक घटना मानी जाती है, क्योंकि इससे सरकार की वैधता और स्थिरता पर मुहर लगती है.
सरकार का पलटवार, सिर्फ राजनीतिक दांव
नायब सैनी सरकार और उसके समर्थकों ने कांग्रेस के इस कदम को राजनीतिक रणनीति करार दिया है. सरकार का कहना है कि विपक्ष बिना ठोस आधार के सिर्फ सुर्खियों में रहने के लिए यह प्रस्ताव लाया है. सत्तापक्ष ने भरोसा जताया है कि वे सदन में मजबूती से जवाब देंगे और बहुमत के साथ इस प्रस्ताव को खारिज करेंगे.
चुनावी आंकड़े और मौजूदा स्थिति
हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल की थी. 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को 48 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस ने 37 सीटें जीती थीं. इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल को 2 और तीन सीटें निर्दलीयों के खाते में गई थीं. इन आंकड़ों के बीच अविश्वास प्रस्ताव को राज्य की राजनीति में एक अहम मोड़ के रूप में देखा जा रहा है.
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us