40 साल से विकास की बाट जोहता गुमला, लोग झेल रहे शासन-प्रशासन की अनदेखी का दंश

18 मई 1983, वो साल जब गुमला जिला अपने अस्तित्व में आया. अब ये जिला 40 साल का हो गया है. इन 40 सालों में जिले ने बहुत कुछ देखा. सरकारे बदलती देखी, सियासतदान बदलते देखे, जनप्रतिनिधि बदलते देखे और अधिकारी भी बदलते देखे, लेकिन विकास नहीं देखा.

18 मई 1983, वो साल जब गुमला जिला अपने अस्तित्व में आया. अब ये जिला 40 साल का हो गया है. इन 40 सालों में जिले ने बहुत कुछ देखा. सरकारे बदलती देखी, सियासतदान बदलते देखे, जनप्रतिनिधि बदलते देखे और अधिकारी भी बदलते देखे, लेकिन विकास नहीं देखा.

author-image
Jatin Madan
New Update
gumla

विकास की बाट जोहता गुमला( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

18 मई 1983, वो साल जब गुमला जिला अपने अस्तित्व में आया. अब ये जिला 40 साल का हो गया है. इन 40 सालों में जिले ने बहुत कुछ देखा. सरकारे बदलती देखी, सियासतदान बदलते देखे, जनप्रतिनिधि बदलते देखे और अधिकारी भी बदलते देखे, लेकिन विकास नहीं देखा. आज भी ये जिला और यहां के लोग विकास की राह देखते हैं. इस उम्मीद में कि शायद 4 दशक बाद भी यहां की तस्वीरें बदल जाए.

Advertisment

3 विधानसभा क्षेत्र

गुमला झारखंड का आदिवासी बहुल एक ऐसा जिला है जो झारखंड की राजधानी रांची से सटा होने के साथ ही झारखंड को छत्तीसगढ़ और उड़ीसा से जोड़ता है. बावजूद यहां वो विकास नहीं हो पाया जो होना चाहिए था. आदिवासी संस्कृतियों से समृद्ध इस जिले की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करती है. जिले की कुल आबादी 13 लाख है इस जिले में 3 विधानसभा क्षेत्र है. यानी सरकार में 3 विधायकों की भागीदारी करने वाला ये जिला आज भी विकास के पैमाने में काफी पीछे नजर है. ग्रामीण इलाकों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. ना तो पानी की व्यवस्था है और ना ही बिजली का इंतजाम.

आज तक नहीं पहुंची रेलवे लाइन

प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न इस जिले की पहचान पर्यटन स्थल के रूप में हो सकती थी, लेकिन ना सरकार ने और ना ही प्रशासन ने इस पर ध्यान दिया. यहां हैरान करने वाली बात ये है कि गुमला जिले को आज तक रेलवे लाइन की सुविधा नहीं मिल पाई और ना ही यहां पर किसी तरह का औद्योगिक विकास हो पाया. यहां तक की युवाओं के लिए भी रोजगार की कोई सुविधा नहीं है. यही वजह है कि यहां पलायन एक बड़ी सलमस्या बनती जा रही है.

यह भी पढ़ें : Jharkhand Weather: झारखंड में मौत का बढ़ रहा आंकड़ा, मौसम बना बड़ी वजह

शासन-प्रशासन की अनदेखी का दंश

गुमला में विकास का ना होना सरकार के साथ ही जिला प्रशासन की अनदेखी का भी नतीजा है. अब तक जिले में 36 उपायुक्तों ने अपना योगदान दिया है. बावजूद प्रशासनिक स्तर पर भी वो विकास कार्य नहीं हो पाया जो होना चाहिए था. हालांकि सवाल करने पर प्रशासनिक अधिकारी बेहतर सुविधा और विकास करने का दावा जरूर करते हैं. बहरहाल, प्रशासन के दावे और जमीनी हकीकत में दूर-दूर तक कोई नाता नहीं दिखता. ऐसे में तो बस उम्मीद ही की जा सकती है कि अब भी शासन-प्रशासन अपनी कुंभकर्णी नींद से जागे.

HIGHLIGHTS

  • विकास की बाट जोहता गुमला
  • 4 दशक में जिले को क्या मिला?
  • क्यों पिछड़े जिले में गिना जाता है गुमला?
  • शासन-प्रशासन की अनदेखी का दंश

Source : News State Bihar Jharkhand

jharkhand-news Gumla News Jharkhand Govenment Gumla Anniversary
      
Advertisment