खस्ताहाल गुमला का हाट बाजार! कब खुलेगी प्रशासन की नींद

गुमला जिला मुख्यालय में मौजूद बाजार हाट की स्तिथि पूरी तरह से नरकीय बनी हुई है, ना तो बाजार में सही रूप से शेड की व्यवस्था है और ना ही सही रूप से साफ सफाई की ही व्यवस्था हो पाई है.

गुमला जिला मुख्यालय में मौजूद बाजार हाट की स्तिथि पूरी तरह से नरकीय बनी हुई है, ना तो बाजार में सही रूप से शेड की व्यवस्था है और ना ही सही रूप से साफ सफाई की ही व्यवस्था हो पाई है.

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Vineeta Kumari
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खस्ताहाल गुमला का हाट बाजार( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

गुमला जिला मुख्यालय में मौजूद बाजार हाट की स्तिथि पूरी तरह से नरकीय बनी हुई है, ना तो बाजार में सही रूप से शेड की व्यवस्था है और ना ही सही रूप से साफ सफाई की ही व्यवस्था हो पाई है. लाखों रुपये का राजस्व यहां से सरकार को प्राप्त होता है, वहीं पूरे मामले पर कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने से पूरी तरह से परहेज करते हुए नजर आ रहे हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार हो या राज्य की हेमंत सरकार, विकास को लेकर लंबे-चौड़े दावे करने में लगे हुए है. जहां केंद्र की सरकार गांव के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का दावा करती है. वहीं, सूबे की हेमंत सरकार झारखंड में बनी अब तक कि सरकार में गरीबों का सबसे अधिक विकास करने वाली सरकार होने का दावा करती है.

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खस्ताहाल गुमला का हाट बाजार!

वहीं, जमीनी सच्चाई कुछ और ही है. हम यहां गुमला जिले की बात कर रहे हैं, जहां 10 लाख से अधिक की आबादी रहती है. जिसकी परिधि लगभग 90 किमी की मानी जाती है, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उसी आदिवासी बहुल गुमला जिला मुख्यालय की बाजार हाट की स्थिति पूरी तरह से नरकीय बनी हुई है. ना कोई सुविधा और गंदगी का अंबार. स्थानीय लोगों से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि कई बार इसको लेकर नगर परिषद और प्रशासन को बोला गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई. जिसकी वजह से बदहाल की स्थिति बनी हुई है.

बाजार से सरकार को आता है लाखों का राजस्व

इस बाजार में जिस तरह की गंदगी लगी हुई है, उससे कभी भी महामारी होने की संभावनाएं बनी रहती है. स्थानीय लोगों की मानें तो जब भी कुछ देरी के लिए बारिश होती है, तो तीन फीट तक पानी जमा हो जाता है. वहीं लोगों की मानें तो इसी रास्ते से कई मुहल्ले के लोगों को आना-जाना पड़ता है. जिन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां से सरकार केवल  पैसा लेती है, लेकिन इसके विकास को लेकर कोई काम नहीं किया जाता है. जिसकी वजह से यह स्थल पूरी तरह से लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है.

कब खुलेगी प्रशासन की नींद

इस पर जिले के बीजेपी के पूर्व विधायक कमलेश उरांव ने कहा कि उन्होंने अपनी विधायकी के कालखंड में बाजार को लेकर काफी योजना बनाई थी, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण पूरा नहीं हो पायी. वर्तमान की हेमंत सरकार इसको लेकर थोड़ी भी गंभीर नहीं है, जिसकी वजह से स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. जिसको लेकर प्रशासन को कार्रवाई करते हुए वहां शेड की व्यवस्था और साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए.

HIGHLIGHTS

  • बाजार में गंदगी का अंबार
  • बाजार में नहीं है शेड की व्यवस्था
  • बाजार से सरकार को आता है लाखों का राजस्व

Source : News State Bihar Jharkhand

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