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झारखंड में बंद पड़े 6000 स्कूलों को फिर खोलेगी सरकार, जानिए क्यों लगे थे ताले

झारखंड में बंद पड़े छह हजार सरकारी स्कूलों को हेमंत सरकार ने फिर से शुरू करने का फैसला लिया है.

Updated on: 30 Sep 2022, 06:20 PM

Ranchi:

झारखंड में बंद पड़े छह हजार सरकारी स्कूलों को हेमंत सरकार ने फिर से शुरू करने का फैसला लिया है. इन स्कूलों को 2014 में सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार ने बंद करवा दिया था, लेकिन अब हेमंत सरकार इन स्कूलों को फिर से खोलने जा रही है. वहीं, झारखंड सरकार के इस फैसले पर एक बार फिर सियासी वार-पलटवार तेज हो गई है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूल खोलने की प्रक्रिया को पूरा भी कर लिया है. जल्द ही इन स्कूलों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.

राज्य में 6 हजार स्कूलों का दोबारा संचालन दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए किसी सौगात से कम नहीं होगी. दरअसल 2014 में तत्कालीन बीजेपी सरकार ने एक किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले स्कूलों का विलय कर दिया था. जिसके चलते हजारों स्कूल बंद हो गए थे. वहीं, अब हेमंत सरकार ने बंद पड़े सरकारी स्कूलों को दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है. प्रदेश सरकार का कहना है कि इस फैसले से प्रदेश का बच्चा-बच्चा शिक्षित होगा और उसे भविष्य में रोजगार के बेहतर मौके मिलेंगे. हालांकि अब इस फैसले पर भी सियासी वार-पलटवार शुरू हो गया है. एक तरफ जहां शिक्षा मंत्री ने पूर्व बीजेपी सरकार पर स्कूलों को बंद कर बच्चों से शिक्षा का अधिकार छीनने का आरोप लगाया तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने भी अपने अंदाज में झारखंड सरकार का घेराव किया.

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी प्रदेश सरकार के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने राज्य की पूर्व बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सरकार बच्चों के बेहतर भविष्य और शिक्षा के लिए लगातार पहल कर रही है, लेकिन बीजेपी के पेट में दर्द हो रहा है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक सीपी सिंह ने पलटवार किया. उन्होंने झारखंड सरकार को घोषणाओं की सरकार कहा. उन्होंने साथ ही हेमंत सरकार पर जनता को झूठ बेवकूफ बनाने का आरोप भी लगाया.

बहरहाल सियासी वार-पलटवार से इतर बात करें तो झारखंड सरकार का ये फैसला वाकई में शिक्षा की ओर बड़ा कदम है. इससे पहले भी सरकार की ओर से 50 हजार शिक्षकों की बहाली का फैसला लिया गया था. प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में सरकारी स्कूलों को दोबारा शुरू करना और नए शिक्षकों की बहाली करने से मौजूदा स्कूलों और टीचर्स पर छात्रों का बोझ कम होगा, जिससे हर छात्र को बेहतर शिक्षा मिल पाएगी. 

रिपोर्ट : सूरज कुमार