Garhwa: विकास की राह पर बूढ़ा पहाड़, लोग कर रहे सुविधाओं का इंतजार

झारखण्ड के ग.ढ़वा जिले का बूढ़ा पहाड़ जो दशकों से भाकपा माओदियों के कब्जे में थे. इसे भाकपा माओवादियों का राजधानी या फिर प्रशिक्षण स्थल माना जाता था

author-image
Vineeta Kumari
New Update
Budha pahad

विकास की राह पर बूढ़ा पहाड़( Photo Credit : फाइल फोटो)

झारखण्ड के गढ़वा जिले का बूढ़ा पहाड़ जो दशकों से भाकपा माओदियों के कब्जे में थे. इसे भाकपा माओवादियों का राजधानी या फिर प्रशिक्षण स्थल माना जाता था, लेकिन सीआरपीफ और जिला पुलिस ने इस बूढ़ा पहाड़ को जब से माओवादियों के चुंगल से आजाद कराया. तब से केंद्र की सरकार हो या राज्य सरकार, इस बूढ़ा पहाड़ को विकसित करने को लेकर कृत संकल्पित है. इसी के तहत योजना बनाकर बूढ़ा पहाड़ तो राज्य के मुख्यमंत्री पहुंचे, लेकिन जिला प्रशासन की उदासीन रवैया के कारण यह योजना अधर में लटकी दिख रही है. आज से करीब चार माह पूर्व झारखण्ड के मुख्यमंत्री ने माओदियों के कब्जे से आजाद हुए बूढ़ा पहाड़ पर विकास करने को लेकर इस पहाड़ का दौरा किया था.

Advertisment

यह भी पढ़ें- आरक्षण समाप्त करने को लेकर बंद का आह्वान, सड़कों पर उतरे लोग

विकास की राह पर बूढ़ा पहाड़

इस पहाड़ को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने छः माह का अल्टीमेटम दिया था, जिसे लेकर योजना का नाम दिया गया था बीपीडीपी योजना. मतलब बुढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट, लेकिन लगता है मुख्यमंत्री के दिए आदेश को जिला प्रशासन ठीक से नहीं सुन पाई और कछुए की चाल से कार्य कर रही है. जबकि मुख्यमंत्री के अल्टीमेटम को महज दो माह बचे हैं. आइए जानते हैं आखिर सीएम हेमंत सोरेन ने क्या आदेश दिए थे.ए मुख्यमंत्री महोदय ने क्या दिया था आदेश.

लोग कर रहे सुविधाओं का इंतजार

इस जगह का जो भी विकास हुआ, वह जिला प्रशासन ने नहीं बल्कि सुरक्षा जवानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर नामुमकिन को मुमकिन किया है. जबकि रास्ता बनाने का फ़ाइल कभी छत्तीसगढ़ तो कभी झारखण्ड के टेबलों पर पड़ा हुआ है. पानी पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन काम करवा रही है, लेकिन अभी वो भी अधूरी है. जलमीनार तो लगवाई, लेकिन कोई काम का नही हैं. बस पैसे की निकासी भर हुई है. बाकि शेष कोई काम आजतक जिला प्रशासन नहीं कर पाई है.

CRPF कर रहे क्षेत्र का विकास

आज इस क्षेत्र में जो भी कॉन्ट्रेक्शन वर्क हो रहा है, वह सीआरपीफ अपने रुपये से बनवा रही है. इन्हीं के दिए काम से पहाड़ पर बसर करने वालों को दो पैसे नसीब हो रही है. इसकी जानकारी खुद ग्रामीणों ने दी है. ग्रामीणों ने कहा कि पहले नक्सली रहते थे. हमलोग डर के साये में जीते थे, लेकिन यहां सुरक्षा जवान के आने से हमलोगों को काम मिल रहा है. आवास मिलना था, लेकिन नहीं मिला, बाकि कोई सुविधा अभी सरकार के द्वारा नहीं मिल पाई है.

HIGHLIGHTS

  • विकास की राह पर बूढ़ा पहाड़
  • लोग कर रहे सुविधाओं का इंतजार
  • CRPF कर रहे क्षेत्र का विकास

Source : News State Bihar Jharkhand

buddha pahad jharkhand local news jharkhand latest news Garhwa News
      
Advertisment