झारखंड : वन विभाग की टीम ने कार्रवाई कर जब्त किया 10 लाख से ज्यादा का सामान

जब्त किए गए सामान की कीमत 10 लाख रुपए से ज्यादा बताई जा रही है. दुमका के वन अधिकारी डीएफओ सौरभ चंद्रा ने यह जानकारी दी है.

जब्त किए गए सामान की कीमत 10 लाख रुपए से ज्यादा बताई जा रही है. दुमका के वन अधिकारी डीएफओ सौरभ चंद्रा ने यह जानकारी दी है.

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yogesh bhadauriya
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झारखंड : वन विभाग की टीम ने कार्रवाई कर जब्त किया 10 लाख से ज्यादा का सामान

वन विभाग की टीम ने की बड़ी कार्रवाई

झारखंड में वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दुमका वन विभाग क्षेत्र से तीन अलग-अलग प्रखंडों में छापामारी कर भारी मात्रा में बेशकीमती लकड़ी और बोल्डर सहित कई माफिया को गिरफ्तार किया है. जब्त किए गए सामान की कीमत 10 लाख रुपए से ज्यादा बताई जा रही है. दुमका के वन अधिकारी डीएफओ सौरभ चंद्रा ने यह जानकारी दी है. जिले के काठीकुंड रेंज के बाबूपुर गांव में माफिया द्वारा जमा किया हुआ बेशकिमती सखुआ के 30 बोटा लकड़ी, जबकि जामा प्रखंड क्षेत्र के हिजला पूर्वी रेंज के कैराबनी जंगल से तीन ट्रैक्टर बोल्डर जप्त किया है.

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वहीं वन विभाग ने दुमका पुलिस डीएसपी संतोष कुमार के सहयोग से मसलिया थाना क्षेत्र के छैलापाथर गांव में जमा कर रखा हुआ मिश्रित प्रजाति का सखुआ, आम आदि के 30 बोटा वेशकीमती लकड़ी संयुक्त छापामारी कर बरामद करने में सफलता पायी है.

 

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काठीकुंड वन क्षेत्र में जप्त किये गए लकड़ी मामले मे वन विभाग माफिया रथु पंडित और अमीन मियां पर मामला दर्ज कर करवाई करेगी. बताया जा रहा है कि ये सभी बेशकीमती लकड़ी वन माफिया सक्रिय होकर पश्चिम बंगाल ले जाने की तैयारी में वन क्षेत्र से काट कर एक जगह छुपाकर रखे हुए थे. जब इस बात की खबर विभाग को मिली तो विभाग ने छापामारी की. वन अधिकारी के मुताबिक गुरूवार रात भी शिकारीपाड़ा वन क्षेत्र से पश्चिम बंगाल जा रहे सखुआ से भरे एक लकड़ी के ट्रक को जप्त किया है.

यहां बता दे कि संतालपरगना में दुमका जिला में शिकारीपाड़ा, जामा, काठीकुंड, रानेश्वर और गोपीकांदर प्रखंड जंगलो से भरा पड़ा है. रात के अंधेरे में वनमाफिया अंधेरे का लाभ उठाकर जंगलो से वेशकीमती लकड़ियों को काटकर पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में ट्रक ट्रैक्टर और ट्रालियों के सहारे बेच रहे है. हालांकि अधिकारी ने बताया कि वनविभाग के सक्रिय होने से सूचना मिलते ही कार्रवाई की जाती है. इनमे कई ऐसे माफिया है जिनपर कई मामले वन विभाग द्वारा किया जा चुका है.

Source : विकास प्रसाद साह

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