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बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो के बीजेपी में विलय को चुनाव आयोग ने मंजूरी दी

आयोग ने झाविमो के बीजेपी में विलय को मान्यता देने के संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है. आयोग ने आदेश में कहा कि झाविमो का चुनाव चिह्न 'कंघा' अग्रिम आदेश तक निष्क्रिय रहेगा.

Updated on: 08 Mar 2020, 11:01 AM

रांची:

झारखंड के अंदर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में झारखंड विकास मोर्चा (Babulal Marandi's party Jhavimo got merger with BJP) के विलय को चुनाव आयोग ने मान्यता दे दी है. अब आयोग में सूचीबद्ध राजनीतिक दलों की सूची से झाविमो (JVM) का नाम हटा दिया गया है. आयोग ने झाविमो के बीजेपी में विलय को मान्यता देने के संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है. आयोग ने आदेश में कहा कि झाविमो का चुनाव चिह्न 'कंघा' अग्रिम आदेश तक निष्क्रिय रहेगा. बता दें कि झाविमो को झारखंड (Jharkhand) में राज्यस्तरीय दल की मान्यता प्राप्त थी.

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बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की अगुवाई वाली झाविमो ने फरवरी में बीजेपी में अपना विलय कर दिया था. जिसके बाद 24 फरवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक में मरांडी को विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया और इसकी सूचना विधानसभा अध्यक्ष को देकर बीजेपी ने मरांडी को विपक्ष का नेता बनाए जाने की अनुशंसा की थी. हालांकि विधानसभा के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल विस अध्यक्ष ने इस मामले में अपना निर्णय नहीं किया है. 

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झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) झारखंड की एक राज्य राजनीतिक पार्टी थी. भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर झारखंड से पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इसकी स्थापना की थी. 24 सितंबर 2006 को मरांडी ने हजारीबाग में झाविमो के गठन की घोषणा की थी. 2009 के विधानसभा चुनाव में झाविमो पहली बार उतरी थी. उस वक्त पार्टी 9.1 फीसदी वोट प्रतिशत के साथ 11 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. 2014 के चुनाव में झावुमो ने 8 सीटें हासिल की थीं. इस बार 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में बाबूलाल मरांडी समेत पार्टी के 3 विधायक निर्वाचित हुए, जिनमें से बंधू तिर्की और प्रदीप यादव को पार्टी से निकाला जा चुका है.