ED Raid in Bihra-Jharkhand: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को बिहार से लेकर झारखंड तक 16 स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. ईडी ने ये छापेमारी झारखंड में बोकारो के बहुचर्चित वन भूमि घोटाले के मामले में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की. इस दौरान टीम ने सबसे ज्यादा कंस्ट्रक्शन कंपनियों के दफ्तर और उनके संचालकों के ठिकानों पर की.
ईडी ने झारखंड के कारोबारी विमल अग्रवाल, पुनीत अग्रवाल की कंपनी राजवीर कंस्ट्रक्शन के ठिकानों पर भी छापेमार कार्रवाई की. ईडी ने रांची के लालपुर, बरियातू, हटिया जैसे कई इलाकों में तलाशी अभियान चलाया. इसके साथ ही ईडी ने बोकारो के जिला वन पदाधिकारी के कार्यालय में भी छापामारी की. इसके अलावा मंगलवार सुबह बोकारो में सीओ और डीसी के कार्यालय में भी ईडी की टीम पहुंची.
वन भूमि घोटाले की जांच कर रही सीआइडी
बता दें कि झारखंड के वन भूमि घोटाले के मामले में झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) भी जांच कर रही है. बोकारो का वन भूमि घोटाले का मामला साल 2022 का है. दरअसल, बोकारो में प्रशासनिक अधिकारियों ने एक कंपनी को वन विभाग की 74.38 एकड़ जमीन का आवंटित कर दिया था.
2022 में ही दर्ज किया गया था मामला
बता दें कि जनवरी 2025 में बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने उत्तरी छोटानागपुर के आयुक्त से इस बारे में शिकायत की थी. उन्होंने आयुक्त को बताया था कि बोकारो के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने साल 2022 में महेंद्र मिश्रा की 10 डिसमिल जमीन के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर शुद्धि पत्र संबंधित आवेदन में हेराफेरी कर उसे 74.38 एकड़ कर दिया था.
इनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला
जब इसकी जानकारी महेंद्र मिश्रा को हुई तो उन्होंने इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, रहमत हुसैन, ललन सिंह और शैलेश सिंह के विरुद्ध कोर्ट में साल 2024 में आपराधिक मामला दर्ज कराया. इसके साथ ही बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने भी सेक्टर12 में इस बारे में उसी साल प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसी मामले की जांच सीआइडी कर रही है. इसी के आधार पर ईडी ने भी ईसीआइआर दर्ज की है. इसी मामले में ईडी ने मंगलवार को छापेमारी की.