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हेमंत सोरेन को लेकर पीएमएलए कोर्ट पहुंचे ईडी अधिकारी, मिली अच्छी खबर

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए हाईकोर्ट से अच्छी खबर आई है. फिलहाल सोरेन ईडी की गिरफ्त में है.

Updated on: 12 Feb 2024, 03:09 PM

highlights

  • हाईकोर्ट से हेमंत सोरेन को राहत
  • पीएमएल कोर्ट पहुंचे सोरेन
  • वकील ने दी थी दलील

Ranchi:

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए हाईकोर्ट से अच्छी खबर आई है. फिलहाल सोरेन ईडी की गिरफ्त में है. वहीं, चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है. महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर कहा कि हमने कोर्ट में जो आवेदन दिया था, उसे स्वीकार कर लिया गया है और यह उनके लिए अच्छी खबर है क्योंकि जो वो चाहते थे, कोर्ट ने उसे स्वीकार कर लिया है.

हाईकोर्ट से हेमंत सोरेन को राहत

वहीं, अब पूरे घटनाक्रम पर एक साथ ही सुनवाई होगी. इसके साथ ही राजीव रंजन ने कहा कि हमने कहा था कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी गैर कानूनी है और उनके रिमांड को लेकर भी हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था. जिसका जवाब अब प्रवर्तन निदेशालय को देना होगा. 27 फरवरी से उनकी गिरफ्तारी से लेकर रिमांड तक की कार्रवाई को लेकर अंतिम सुनवाई की जाएगी. बता दें कि हेमंत सोरेन को लेकर ईडी अधिकारी पीएमएल कोर्ट पहुंचे. यह पूरा मामला जेएमएम नेता के धनबाद स्थित स्टील प्लांट में छापेमारी से जुड़ा हुआ है. 

पीएमएल कोर्ट पहुंचे सोरेन

आपको बता दें कि ईडी ने सोरेन को जमीन घोटाला मामले में 9 बार समन जारी किया, जिस पर सोरेन ने सिर्फ 2 बार पूछताछ की गई. 9वें समन के बाद ईडी के सवालों का सोरेन ने मुख्यमंत्री आवास पर जवाब दिया. दो दिन करीब 16 घंटे तक सोरेन से पूछताछ हुई और 31 दिसंबर की रात सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया. इससे पहले सोरेन के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर ईडी की टीम ने छापेमारी की थी और वहां से 36 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे.

वकील ने दी थी दलील

सोरेन के वकील ने पीएमएलए कोर्ट में यह दलील दी है कि सोरेन से 5 दिन की रिमांड में 120 घंटे पूछताछ की गई है. ईडी ने हेमंत सोरेन से 20 जनवरी और 31 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की थी. करीब दोनों दिन ही झारखंड के पूर्व सीएम से 8-8 घंटे पूछताछ की गई थी. ऐसे में अब और पूछताछ का कोई आधार नहीं बनता है. सोरेन की ओर से महाधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि ईडी ऑफिस में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को बेसमेंट में रखा गया, जहां सूर्य की रोशनी भी नहीं मिलती है. जिस वजह से उन्हें रहने में बहुत परेशानी हो रही है.