ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर हैं वीरेंद्र.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में वीरेंद्र राम को हिरासत में लिया है और अपने साथ ले गई है. आपको बता दें कि ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में वीरेंद्र राम के आवास पर दूसरे दिन भी तलाशी जारी रखी. रांची सहित देश भर के लगभग दो दर्जन ठिकाने पर रेड जारी रही. रांची के अशोक नगर स्थित आवास, रांची के कचहरी रोड स्थति इंजीनियर भवन स्थित वीरेंद्र राम के कार्यालय, रांची के प्रोजेक्ट भवन स्थित एफएफपी बिल्डिंग के मुख्य अभियंता कार्यालय और वीरेंद्र राम के करीबी ठेकेदार के आवास पर ED ने रेड की. ईडी ने 2019 में जमशेदपुर के दर्ज एसीबी के मामले के आधार पर जांच शुरु की है. 2019 में एसीबी की रेड में लगभग 2.5 करोड़ कैश बरामद हुआ था, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था.
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मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को पैसा उगने वाला एटीएम के तौर पर लोग जानते हैं. कई सफेदपोश और रसूखदारों से वीरेंद्र के अच्छे संबंध हैं. ये उनके खासम खास बताए जाते हैं. ईडी की रेड में 10 करोड़ के गहने, कई आलिशान मकान और मंहगी गाड़ियों की जानकारी हाथ लगी हैं. ईडी ने एक डायरी भी बरामद की है, जिसके डिटेल खंगाले जा रहे हैं. रांची आवास पर कागजात खंगालने के लिए दो प्रिंटर और स्कैनर लाया गया. साथ ही ईडी को करोड़ों के निवेश के कागजात हाथ लगे हैं. अब तक ईडी की तरफ से बरामदगी और कार्रवाई को लेकर कोई आधिकारिक बयान या कोई प्रेस रिलीज जारी नहीं की गई है.
क्या है पूरा मामला? 2019 के झारखंड उपचुनाव के दौरान इंजीनियर पर कार्रवाई हुई वीरेंद्र राम के घर से दो करोड़ 45 लाख कैश जब्त हुआ था इंजीनियर की पत्नी राजकुमारी चुनाव लड़ने की तैयारी में थीं चुनाव से पहले उनके घर एसीबी की टीम ने छापेमारी की छापेमारी के दौरान 2 करोड़ 45 लाख रुपए नकद बरामद हुए इंजीनियर वीरेंद्र राम पर अवैध कमाई करने का आरोप अवैध कमाई से सोनारी में अपार्टमेंट, दो डुप्लेक्स खरीदने का आरोप इंजीनियर की रांची, पटना, सिवान में भी करोड़ों की अवैध संपत्ति