logo-image

Dumri By-election: क्या पारंपरिक सीट को जीत पाएगी JMM? BJP भी ठोक रही जीत का दावा

झारखंड में मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद डुमरी विधानसभा सीट खाली हो गया है. लिहाजा यहां उपचुनाव की तैयारियां जोरों पर है. ये सीट JMM की पारंपरिक सीटों में से एक है.

Updated on: 06 May 2023, 04:35 PM

highlights

  • डुमरी का चुनावी 'रण'
  • सफल होगा JMM का फॉर्मूला?
  • पारंपरिक सीट को जीत पाएगी JMM?
  • बीजेपी भी ठोक रही जीत का दावा

Ranchi:

झारखंड में मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद डुमरी विधानसभा सीट खाली हो गया है. लिहाजा यहां उपचुनाव की तैयारियां जोरों पर है. ये सीट JMM की पारंपरिक सीटों में से एक है. जगरनाथ महतो यहां से 4 बार विधायक चुने गए. ऐसे में अब JMM उपचुनाव में इस सीट को एक बार फिर अपने खाते में लाने के लिए पुराने एक फॉर्मूले को आजमाने का मन बना रही है. उप चुनाव की तारीखों का भले ही ऐलान ना हुआ हो, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने अपने तरीके से रणनीति बनाने में जुट गई है. 

अखिलेश महतो को मिल सकती है टिकट

दरअसल टाइगर दा यानी जगरनाथ महतो के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है. ऐसे में संभवना जताई जा रही है कि जगरनाथ महतो के बेटे को JMM उत्तराधिकारी बना सकती है. यानी अखिलेश महतो को पहले ही मंत्री बनाकर बाद में उन्हें चुनाव लड़वा सकती है. JMM का ये फॉर्मूले इससे पहले मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में सफल हो चुका है. जहां तत्कालीन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उनके बेटे हफीजुल हसन अंसारी को मंत्री बना दिया गया. हफीजुल उस वक्त विधानसभा के सदस्य नहीं थे. बाद में विधानसभा उपचुनाव में हेमंत सोरेन ने उन्होंने अपने दल झारखंड मुक्ति मोर्चा से प्रत्याशी बनाया और जिताया भी. 

यह भी पढ़ें : बागेश्वर बाबा के बहाने महिलाओं के खिलाफ बिहार के मंत्री का विवादित बयान-'...कपड़े खुल जाते हैं!'

बीजेपी भी ठोक रही जीत का दावा

हालांकि पार्टी का ये फैसला रिस्की था, लेकिन ये सफल रहा और एक बार फिर हेमंत सरकार ये तरकीब आजमाने में जुटी है, लेकिन सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष में बैठी बीजेपी भी रामगढ़ उपचुनाव के बाद जोश में और एक बार फिर इस उपचुनाव में जीत का स्वाद चखने को बेसब्र हो रही है. ऐसे में बीजेपी ना सिर्फ चुनावी मोड में आ गई है बल्कि जीत का दम भी भर रही है.

पारंपरिक सीट को जीत पाएगी JMM?

डुमरी उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने जीत का दावा किया तो JMM भी अपनी पारंपरिक सीट को एक बार फिर अपने नाम करने के लिए बेताब हो रही है. JMM का कहना है कि बीजेपी मुगालते में न रहे रामगढ़ में दूसरे दल के भरोसे उन्होंने चुनावी बैतरनी पार किया, लेकिन डुमरी में बीजेपी को करारी शिकस्त मिलेगा क्योंकि टायगर अभी जिंदा है.

सफल होगा JMM का फॉर्मूला?

दरअसल, डुमरी विधानसभा पर लंबे समय से JMM का कब्जा रहा है. JMM की टिकट पर जगरनाथ महतो चौथी बार यहां चुनाव जीत कर आए थे और हेमंत सरकार में शिक्षा मंत्री बने थे. उनके निधन से ये सीट खाली हुआ है और अब यहां उपचुनाव होना है. ऐसे में अगर सीएम हेमंत की पुरानी रणनीति काम आती है तो अखिलेश महतो सबसे कम उम्र के मंत्री बनेंगे, लेकिन अगर ये फेल होगा कि JMM की पारंपरिक सीट बीजेपी के खाते में चली जाएगी. अब नतीजे क्या होंगे इसका पता तो सिर्फ चुनावी अग्नीपरीक्षा के बाद ही पता चल पाएगा.

रिपोर्ट : कुमार चन्दन