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डीएसपी प्रमोद मिश्रा पहुंचे ईडी दफ्तर, अवैध खनन मामले में हुई पूछताछ

अवैध खनन मामले में सवालों के जवाब देने के लिए मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे डीएसपी प्रमोद मिश्रा ईडी के कार्यालय पहुंचे. ईडी ने पूछताछ के लिए प्रमोद मिश्रा को अपने ऑफिस बुलाया था.

Updated on: 19 Mar 2024, 02:57 PM

highlights

  • डीएसपी प्रमोद मिश्रा पहुंचे ईडी दफ्तर
  • अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए पहुंचे
  • जानिए प्रमोद मिश्रा पर क्या है आरोप? 

Ranchi:

अवैध खनन मामले में सवालों के जवाब देने के लिए मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे डीएसपी प्रमोद मिश्रा ईडी के कार्यालय पहुंचे. ईडी ने पूछताछ के लिए प्रमोद मिश्रा को अपने ऑफिस बुलाया था. ईडी ने समन भेजकर डीएसपी को 19 मार्च को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए निर्देश दिया था. दरअसल, प्रमोद मिश्रा ने बरहरवा टोल विवाद मामले में 24 घंटे के अंदर ही उन्हें निर्दोष करार दे दिया था. वहीं, टोल विवाद को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें ईडी के समक्ष जांच के दौरान अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान यह स्वीकार किया था कि जांच सही तरीके से नहीं हुई. बता दें कि प्रमोद मिश्रा से ईडी ने पहले भी पूछताछ कर चुकी है. 

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प्रमोद मिश्रा पर क्या है आरोप?

डीएसपी प्रमोद मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने पंकज मिश्रा से न्यायिक हिरासत की अवधि को लेकर आरोप है. वहीं, प्रमोद मिश्रा झारखंड हाईकोर्ट में ईडी के समन को चुनौती भी दे चुके हैं. इस याचिका में उन्होंने कहा था कि पुलिस के काम में ईडी को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है और संविधान के अनुसार विधि-व्यवस्था राज्य का विषय है. ईडी का हस्तक्षेप संवैधानिक नहीं है. वहीं, ईडी ने प्रमोद मिश्रा की संपत्ति का ब्योरा भी मांगा था. जिसके लिए ईडी ने एचआर को पत्र भी लिखा था और दारोगा राम हरिश निराला व उनके रिश्तेदार अंकुश राजहंस के बीच हुई बातचीत के वीडियो को आधार बनाया था. इस वीडियो में दारोगा ने यह दावा किया थआ कि पंकज मिश्रा के लिए डीएसपी ट्रकों से वसूली करता था. 

हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार ने ईडी के सामने बड़ी बात की स्वीकार

वहीं, दूसरी तरफ ईडी ने सोमवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू और विनोद सिंह से अवैध खनन मामले में सोमवार को पूछताछ की. जानकारी की मानें तो इस दौरान पिंटू ने साहिबगंज में माइनिंग लीज लेने और इस काम में प्रशासनिक मदद मिलने की बात को स्वीकार की थी. ईडी को यह जानकारी मिली थी कि पिंटू और हेमंत सोरेन, विनोद सिंह की कंपनी के जरिए निवेश कर रहे थे.