सचिन, युवी समेत दिग्गजों ने आरसीबी को दी बधाई, विजय माल्या ने कहा- 'ई साला कप नामदे'
छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे पर बनेगी नई फिल्म, सुदीप्तो सेन करेंगे निर्देशन
जीत जितनी हमारी टीम की है उतनी ही हमारे फैंस की है : विराट कोहली
विराट का सपना पूरा, आरसीबी 18 साल बाद बना नया आईपीएल चैंपियन (लीड-1)
RCB vs PBKS Finale: आरसीबी ने 17 सालों का सूखा किया खत्म, पंजाब को 6 रन से हराकर जीता पहली ट्रॉफी
RCB vs PBKS: 'बधाई हो', आरसीबी ने रचा इतिहास, जीता आईपीएल 2025 का खिताब, फैंस ने दिए ऐसे रिएक्शन
असम : मुख्यमंत्री ने शहरी बाढ़ से निपटने के लिए वेटलैंड के संरक्षण का किया आह्वान
महाराष्ट्र के नासिक में कोविड-19 का पहला मामला, शिवसेना सांसद हेमंत गोडसे पॉजिटिव, घर पर क्वारंटीन
ब्रिटेन दौरा भारत और पाकिस्तान के बारे में नहीं आतंकवाद के बारे में : भारतीय उच्चायुक्त

जन्म से दिव्यांग सूरज के पास है अद्भुत कला, बनाई अपनी एक अलग पहचान

जन्म से हाथ-पैर ना होने के बावजूद रांची के सुकुरहुट्टू गांव के रहने वाले सूरज नायक जब कोरे कागज पर रंग भरना शुरू करते हैं तो देखने वाले दंग रह जाते हैं. सूरज की उम्र महज़ 18 वर्ष की है. दिव्यांग होने के बावजूद सूरज खूब चित्रकारी करते हैं.

author-image
Rashmi Rani
New Update
diwyang

दिव्यांग सूरज( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

अगर हौसले बुलंद हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती है. कहते हैं कि भगवान ने हर किसी को एक हुनर दिया है. सब में अलग अलग खूबियां होती हैं. रांची के सूरज ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. जिसे देख लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहें हैं. जन्म से ही उसके हाथ पैर नहीं है लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी और आज उन्होंने अपना एक अलग नाम बनाया है. एक चित्रकार के रूप में लोग उन्हें अब पहचानते हैं. 

Advertisment

कहते है कि कला इंसान के हाथों में होती है मगर सूरज ने तो ये कहावत ही बदल दी बिना हाथ के ही उनके पास कला है उनके बनाए गए चित्र की लोग तारीफ करते है थकते हैं. जन्म से हाथ-पैर ना होने के बावजूद रांची के सुकुरहुट्टू गांव के रहने वाले सूरज नायक जब कोरे कागज पर रंग भरना शुरू करते हैं तो देखने वाले दंग रह जाते हैं. सूरज की उम्र महज़ 18 वर्ष की है. दिव्यांग होने के बावजूद सूरज खूब चित्रकारी करते हैं.

यह भी पढ़े : साहेबगंज सदर अस्पताल की बदली सूरत, सफल ऑपरेशन कर महिला की बचाई जान

खुद के हाथ पैर ना होने की वजह से कहीं आने जाने के लिए सूरज को दूसरों के कंधे की जरूरत पड़ती है. बावजूद इसके सूरज के हौसले काफी बुलंद हैं. सूरज नायक एक नामी चित्रकार बन कर देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते हैं. लेकिन सूरज के घर की माली हालात ठीक नहीं है. मां कांति देवी ने बताया कि पैसों के अभाव के कारण वे सूरज को पढ़ाने और चित्रकारी के हुनर को बढ़ावा नहीं दे पा रही हैं. जन्म से दिव्यांगता के साथ आर्थिक तंगी से जूझ रहे सूरज नायक ने अपने आत्मविश्वास के बल पर आज खुद की एक छोटी सी पहचान बनाई है. अगर सरकार के तरफ से सूरज की मदद की जाएगी तो उसके सपनों को उड़ान मिल जाएगी .

रिपोर्ट - महक मिश्रा 

Source : News State Bihar Jharkhand

Jharkhand crime news PM Narender Modi Ranchi News jharkhand-news Ranchi Latest News jharkhand-police
      
Advertisment