झारखंड में PFI और SDPI की सक्रियता पिछले कुछ सालों में बेतहाशा बढ़ी है. यहां PFI खनिज की चोरी से बड़ी कमाई कर रही है, इसके लिए PFI ने बड़ा नेटवर्क तैयार किया है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट से झारखंड में पीएफआई की बढ़ती ताकत का अंदाजा हो जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक बीते पंचायत चुनाव में पैसे और नेटवर्क के जरिए PFI ने अपने संगठन से जुड़े 48 लोगों को पंचायत चुनाव में जितवाया और इतना ही नहीं जेल जाने वाले अपने बड़े नेता को जिला परिषद सदस्य का चुनाव भी जितवा दिया.
झारखंड की PFI यूनिट को पहले केरल से फंडिंग होती थी लेकिन जांच में सामने आया है कि अब झारखंड से यूपी ही नहीं बल्की बंगाल बिहार और यहां तक की केरल को भी फंड भेजा जाता है. एजेंसी को मिले इनपुट्स के मुताबिक संथाल परगना इलाके में खनिज की चोरी के पैसे में 25 प्रतिशत हिस्सा पीएफआई तक पहुंच रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ इतना ही नहीं झारखंड के पाकुड़, दुमका, जामताड़ा के अलावा साहिबगंज के उदवा, पतना, बड़हरवा समेत कई इलाकों में PFI ने अपना गढ़ बना रखा है और यहां से मोटा फंड इकट्ठा कर रहा है.
ये हालात तब हैं जब झारखंड में पीएफआई प्रतिबंधित संगठन है. फरवरी 2018 को झारखंड सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अगस्त 2018 को हाईकोर्ट ने PFI से प्रतिबंध हटा दिया था. इसके बाद दूसरी बार फरवरी 2019 को PFI को राज्य में फिर से प्रतिबंधित किया गया है. झारखंड में PFI कैडर के खिलाफ एनआईए ने जांच और एक्शन तेज़ कर दिया है. NIA की जांच रिपोर्ट भी कहती है कि झारखंड के चार जिलों पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा और जामताड़ा में PFI नें अपनी जड़ें गहरी जमा ली है. इनमें झारखंड के साहिबगंज PFI कैडर ने ही इन चार जिलों में PFI को मजबूत करने का काम किया है. इसके लिए बहुत गहरी साजिश रची गई है.
सूत्रों के मुताबिक PFI ने अपने संगठन के विस्तार के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को इस इलाके में वैध नागरिक बनाकर के साजिश प्लानिंग के साथ बसाया है. इसके लिए PFI ने वहां की आदिवासी महिलाओं को टार्गेट किया है. PFI के कैडर में शामिल हुए घुसपैठिए किसी ना किसी तरह आदिवासी महिलाओं से दूसरी शादी करते हैं और इसके बाद इन आदिवासी महिलाओं के नाम पर जमीन खरीदकर यहां के स्थायी निवासी बन जाते हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसी की जांच में उनके पास वहां के स्थायी निवासी होने के कागज पूरे होते हैं.
सूत्रों के मुताबिक NIA को जांच में पता चला है कि झारखंड के इन इलाकों में 10 हजार से अधिक आदिवासी महिलाओं से साजशन PFI से जुड़े लोगों ने शादी की है. NIA इसका रिकार्ड तैयार कर रही है. NIA के मुताबिक झारखंड में PFI की विशेष सोच है कि इनका संगठन मजबूत होगा तो फंड हासिल करने और आतंकियों को शरण लेने में आसानी होगी. साथ ही वोट की राजनीति के चलते घुसपैठियों को बसाने से PFI की ताकत बढ़ेगी.
Source : News Nation Bureau