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मिर्जाचौकी स्टेशन पर 'अंधेरा', आखिर क्यों किया जा रहा है सौतेला व्यवहार?

साहेबगंज जिले के मालदा रेल खण्ड पर स्तिथ मिर्जाचौकी रेलवे स्टेशन पर संध्या के वक्त या रात्री में अचानक से बिजली गुम हो जा रही है.

Updated on: 17 Jan 2023, 04:59 PM

highlights

  • मिर्जाचौकी स्टेशन पर 'अंधेरा'
  • सालों से अंधेरे में प्लेटफॉर्म
  • मिर्जाचौकी रेलवे यात्री से सौतेला व्यव्हार

Sahibganj:

साहेबगंज जिले के मालदा रेल खण्ड पर स्तिथ मिर्जाचौकी रेलवे स्टेशन पर संध्या के वक्त या रात्री में अचानक से बिजली गुम हो जा रही है. जिसकी वजह से दूर दराज से आये रेल यात्री या फिर रेल से सफर कर आए यात्रिओं को कई मुश्किलों का सामान करना पड़ रहा है. इसके अलावा उन्हें अपने समान की सुरक्षा के साथ-साथ जान माल की हानी होने का भी खतरा मंडराता रहता है. दरअसल, मिर्जा चौकी रेलवे स्टेशन पर शाम ढलते ही अगर लाईट चली जाती है तो तत्काल रौशनी की व्यव्स्था नहीं हो पाती है. ऐसे में जब तक की रौशनी नहीम आ जाती है, तब तक यात्री को अपने समान व जानमाल की नुकसान व चोरी या छींतई होने का भय सताता रहता है.

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सालों से अंधेरे में प्लेटफॉर्म
बिजली गुम होने से प्लेटफॉर्म पर पूरा अंधेरा छा जाता है. ऐसे में चोरों की बल्ले-बल्ले हो जाया करती है. ये स्थति दो-चार महिनों की नहीं, बल्कि कई वर्षों से है. फिर भी रेलवे प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में रेलवे स्टेशन पर यात्री के साथ अगर कुछ गलत होता है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी. जानकारी के अनुसार पूर्व में अगर बिजली गुल हो जाती थी, तब स्टेशन पर रौशनी की समुचित व्यवस्था थी. कुछ वर्षों से प्लेटफॉर्म की हालत खराब है, जबकि मिर्जाचौकी रेलवे स्टेशन पर दूरदराज से रेल यात्री का आना होता है.

मिर्जाचौकी रेलवे यात्री से सौतेला व्यव्हार
वहीं, देखा जाए तो मिर्जाचौकी रेलवे स्टेशन से पत्थर चिप्स भी रेलवे के माध्यम से भेजा जाता है. एक प्रकार से कहा जा सकता है कि रेलवे को यहां से अरबों की सरकारी रेल राजस्व की प्राप्ति हो जाती है पर सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. मिर्जाचौकी रैक लोडिंग स्थान पर लाईट की अच्छी व्यवस्था की गई है ताकी रैक लोडिंग में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो. यात्रियों की सुविधा के नाम पर मिर्जाचौकी रेलवे यात्री से सौतेला व्यव्हार किया जा रहा है.

आखिर क्यों अंधेरे में रेलवे स्टेशन?
मामले को लेकर मिर्जाचौकी स्टेशन प्रबंधक से पूछा गया तो उन्होंने उच्च स्तरीय पदाधिकारियों का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ दिया और कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों स्टेशन प्रबंधक रेलवे स्टेशन को अंधेरे में रखना चाहते हैं? क्या स्टेशन प्रबंधक से समस्याओं को लेकर उच्च स्तरीय पदाधिकारियों को आवेदन दिया है? अगर नहीं दिया है तो क्यों, आखिर इसकी वजह क्या है? बहरहाल मामले में मालदा रेलखंड के डीआरएम ने बीते दिनों बरहरवा रेलवे स्टेशन के दौरे के समय कहा था कि मुझे अभी तक कोई आवेदन व जानकारी नहीं मिली है, यदि मिलता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.