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दबंगों ने चार दिनों तक नहीं होने दिया अंतिम संस्कार, फिर पुलिस ने ऐसे दिखाई मानवता

किसी की जमीन पर अपना अधिकार जमाने के लिए एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार ही नहीं होने दिया गया. चार दिनों तक घर में शव पड़ा रहा . लेकिन पुलिस ने निरीक्षक के जवानों ने शव को कंधा दिया और अंतिम संस्कार करवाया.

Updated on: 07 Nov 2022, 11:47 AM

highlights

. पेड़ से लटक कर मनसा दे दी थी जान 
.  मनसा की गांव में 155 बीघा है जमीन 
. ग्रामीण चाहते थे जमीन पर कब्जा करना

Dumka:

झारखंड के दुमका से दबंगई का हैरतअंगेज मामला सामने आया है. जिसे सुन ऐसा लग रहा है कि लोगों के मन में प्रशासन का जरा भी डर नहीं है. किसी की जमीन पर अपना अधिकार जमाने के लिए एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार ही नहीं होने दिया गया. चार दिनों तक घर में शव पड़ा रहा . लेकिन पुलिस ने इंसानियत की एक मिसाल कायम कर दी है. जब पुलिस को इसकी सूचना मिली तो खुद एसडीपीओ और पुलिस निरीक्षक के जवानों ने शव को कंधा दिया और अंतिम संस्कार करवाया. 

पेड़ से लटक कर दे दी थी जान 

शिकारीपाडा प्रखंड के धनबेदिया निवासी 18 वर्षीय मनसा ने दो नवंबर की रात घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर पेड़ से लटक कर जान दे दी थी. अगले दिन पुलिस ने चाचा बादल राय के बयान पर मामला दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराया.  मनसा की दो बहनों गुड़िया और शीला देवी की शादी उत्तर प्रदेश के देवरिया में हुई है.  माता-पिता की मौत के बाद मनसा और उसकी 10 वर्षीय छोटी बहन चाचा के साथ ही रहते थे. 

जमीन पर करना चाहते थे कब्जा

बादल और मनसा की गांव में 155 बीघा जमीन है. आत्महत्या की सूचना मिलने पर बहनों ने चाचा से कहा कि जब तक वे नहीं आती हैं, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाय. शनिवार को दोनों बहने आई तो गांव वालो ने उससे कहा कि भाई की हत्या का आरोप अपने चाचा पर लगाकर  मामला दर्ज कराये. ग्रामीणों की मंशा थी कि भतीजे के मौत पर चाचा पर केस कराने पर जमीन का मालिक कोई और नहीं बचेगा और जमीन खाली रह जाएगी. ऐसे मे अधिकार ग्रामीण कर सकते है. जब बहनों ने चाचा पर केस करने से मना कर दिया तो ग्रामीणों ने धमकी दी कि गांव में अंतिम संस्कार हुआ तो परिणाम बुरा होगा.

पुलिस ने शव को खुद दिया कंधा 

थाना प्रभारी संजय सुमन को जब मामले की सूचना मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी को दी जिसके बाद एक घंटे में एसडीपीओ ने टीम के साथ मिलकर घटना की जानकारी ली और पुलिस ने खुद बहनों से बात कर चिता के लिये लकड़ी उपलब्ध कराई और खुद अपने कंधे पर शव को घर से निकाल कर अंतिम संस्कार किया.