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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा शवदा गृह, जमकर हुई कमीशनखोरी

दुर्भाग्य की बात है कि श्मशान घाट में शव जलाने व मंदिर की बाउंड्री वॉल का काम आज भी अधूरा है. स्थानीय लोग को शव को दाहा संस्कार करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

Updated on: 19 Oct 2022, 04:03 PM

Dhanbad:

जिला परिषद क्षेत्र संख्या 29 अंतर्गत मेढा पंचायत अंतर्गत बराकर नदी श्मशान घाट पर पक्की ढलाई शेड और शव जलाने का शेड का निर्माण कार्य 2 अगस्त 2018 को तत्काल जिला परिषद क्षेत्र संख्या 29 के सदस्य श्रीमती निशा देवी के कर कमलों द्वारा शिलान्यास संपन्न हुआ था. जिसकी योजना संख्या 1/2018-19 थी, निविदित राशि 9 लाख 11 हजार 5 रुपये की थी. श्मशान घाट पर पक्का ढलाई शेड का निर्माण तो हुआ, लेकिन शव जलाने का शेड निर्माण आज भी अधूरा हैं. निविदित की संपूर्ण राशि की निकासी हो चुकी है. शमसान घाट के डोम राजा विपिन डोम का कहना है कि घाट पर लोगों को अंतिम संस्कार करने में काफी परेशानी होती है. खासकर वर्षा के दिनों में तो खूब परेशानी होती है, एक शेड का तो स्थानीय समाजसेवी द्वारा निर्माण कराया गया है, लेकिन जब दो या तीन शव आते हैं तो घण्टो इंतजार करना पड़ता है. इस अधूरे शेड की पिछले 4-5 वर्षों से निर्माण कार्य अधूरा है. सरकारी पैसों की जमकर लूट हुई है. लोग शमसान घाट का भी पैसा खाने में जरा भी कुरेद नहीं करते हैं.

जब इस मुद्दे पर पूर्व जिला परिषद सदस्य श्रीमती निशा देवी के पति सह माले नेता नागेंद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार करते हुऐ कहा कि शव जलाने का शेड निर्माण आज भी अधूरा है. बोर्ड के संबंधित अधिकारी व डीडीसी द्वारा घपला किए जाने के कारण आज भी निर्माण कार्य अधूरा है. जिसके लिए हमने कई बार पत्राचार के माध्यम से विभागीय अधिकारी को सूचित करने का कार्य किया है, जिसे लेकर जेई द्वरा उक्त स्थल का निरीक्षण किए गए हैं. हमारा प्रयास आज भी जारी है कि जल्द से जल्द शव जलाने का शेड व ओवर डंगाल में अधूरे बाउंड्री वाल का निर्माण जल्द से जल्द पूरा हो.

वहीं इस मुद्दे पर वर्तमान जिला परिषद सदस्य गुलाम कुरैशी ने कहा कि शेड व बाउंड्री वाल का निर्माण कार्य पूर्व जिला परिषद सदस्य के पति के देख रेख में निर्माण कार्य चल रहा था. राशि की भी संपूर्ण निकासी की जा चुकी है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि श्मशान घाट में शव जलाने व मंदिर की बाउंड्री वॉल का काम आज भी अधूरा है. स्थानीय लोग को शव को दाहा संस्कार करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. चार वर्ष बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. इससे यह प्रतीत होता है कि निर्माण कार्य घोटाले की भेंट चढ़ गई है, जमकर कमीशन खोरी हुई है. 

रिपोर्टर- नीरज कुमार