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झारखंड में फिर बेअसर हुआ धर्मांतरण कानून, लालच में बदले लोगों ने बदला धर्म

झारखंड में धर्म परिवर्तन का मुद्दा हमेशा सवालों में बना रहता है. आए दिन धर्मांतरण पर सियासत भी खूब होती है. एक बार धर्मांतरण को लेकर झारखंड में सियासी बवाल मचा हुआ है.

Updated on: 11 Jan 2023, 01:56 PM

highlights

  • फिर बेअसर धर्मांतरण कानून 
  • फिर 25 परिवारों ने बदला धर्म
  • लालच का बढ़ता मकड़जाल 
  • धर्मांतरण पर भी सियासी बवाल

Koderma:

झारखंड में धर्म परिवर्तन का मुद्दा हमेशा सवालों में बना रहता है. आए दिन धर्मांतरण पर सियासत भी खूब होती है. एक बार धर्मांतरण को लेकर झारखंड में सियासी बवाल मचा हुआ है. कोडरमा में हुए धर्मांतरण के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गई है. कोडरमा के उग्रवाद प्रभावित एक टोले से लगभग 100 लोगों ने अपना धर्म बदल लिया है. गरडीह टोला के ये पच्चीस परिवारों ने जैसे ही धर्म बदला झारखंड की पुरानी रवायत फिर सुर्खियों में आ गई. धर्मांतरण को लेकर बदनाम झारखंड में 100 लोगों के धर्म बदलने से फिर सवाल उठने लगे हैं. कभी राजनीति के झूठे आश्वासन में ठगी का शिकार तो कभी आर्थिक कमजोरी. कभी बीमारी के तले तिलतिल कर मरते परिवारों ने वो धर्म छोड़ दिया. जिसे संभालने की जिम्मेदारी उनके पूर्वजों ने दी थी, लेकिन ये सब यूं ही नहीं हुआ.

लालच का बढ़ता मकड़जाल 
दरअसल, आदिवासी-जनजाति बहुल इन इलाकों में मिशनरी संस्थान पूरी तरह से हावी है. कई सालों से धर्मांतरण का खेल ऐसे कई इलाकों में जारी है. वो भी पूरे सुनियोजित तरीके से. धर्मांतरण के इस खेल में खासकर गरीबों को बहलाया-फुसलाया जाता है. मुखिया कहते हैं कि धर्मांतरण करने वाले लोगों को धर्म परिवर्तन से रोकने की बहुत कोशिश हुई, लेकिन तमाम कोशिशें नाकाम हुई.

धर्मांतरण पर भी सियासी बवाल
अब सोचिए जिस राज्य में विकास के बड़े-बड़े दावे हैं, दुर्गम इलाके तक विकास की बातें हो रही है उसी राज्य में बीमारी ठीक करने, बच्चों की पढ़ाई, पैसों का लालच और रोजगार देने के नाम पर आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. इन तमाम पहलुओं को सुलझाने की बजाय राजनीतिक पार्टियां धर्मांतरण के मुद्दे पर सियासत में उलझी है. यानि आदिवासी, जनजाति, गरीब तबके के लोग मिशनरी के जालसाजी में फंसे नहीं इसे सुलझाने की बजाय इन पार्टियों के लिए धर्मांतरण समय-समय पर एक सियासी मुद्दा लेकर आता है.

धर्मांतरण कराने में मिशनरी अपने मंसूबे में हर बार कामयाब होते हैं. कई बार हिंदू संगठनों के विरोध से ये काम रुकता जरूर है, लेकिन ये दीर्घकालीन समाधान नहीं होता. धर्मांतरण का ये खेल बदस्तर जारी रहता है. ऐसे इलाकों में मिशनरी की चाल को रोकने की कोशिश करनी होगी. हर घर तक विकास पहुंचाने की. हालांकि कोडरमा धर्मांतरण मामले में जांच शुरू हो गई है, लेकिन बड़ी बात तब होगीजब धर्मांतरण किये ये लोग घर वापसी करें.

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