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इस पहाड़ से निकलती है रंग-बिरंगी मिट्टी, जानिए आती है किस काम

आदिम जनजाति के लोग पहाड़ खोद कर रंग बिरंगे मिट्टी निकालते हैं. आदिवासी समाज आज भी अपनी पुरानी परंपरा और संस्कृति के प्रति सजग है. आदिकाल से चली आ रही आदिवासी परंपरा और संस्कृति को उन्होंने आज भी वैसे ही जिंदा रखा है.

Updated on: 20 Dec 2022, 01:59 PM

highlights

  • पहाड़ से निकलती है रंग-बिरंगी मिट्टी
  • रंग बिरंगे मिट्टी से अपने घरों को सजाते हैं लोग
  • आदिवासी समाज अपनी पुरानी परंपरा के प्रति है सजग 

Pakur :

आज के इस आधुनिक युग में लोग टेक्नोलॉजी के करीब आते जा रहे हैं और अपनी संस्कृति व परंपरा से दूर होते जा रहे हैं. आज भले ही हमारी सुविधा के लिए कई मशीने बनी हैंस कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन तो ठंढ़े पानी के लिए फ्रिजस. इन सभी चीजों ने हमें आलसी भी बना दिया है. झारखंड में एक ऐसा भी समुदाय है, जिसने अपनी परंपरा और संस्कृति को जिंदा रखा है. पाकुड़ जिले के रहने वाले आदिम जनजाति के लोग आज भी रंग बिरंगे मिट्टी से अपने घरों को सजाते हैं. 

दरअसल, आदिम जनजाति के लोग पहाड़ खोद कर रंग बिरंगे मिट्टी निकालते हैं. आदिवासी समाज आज भी अपनी पुरानी परंपरा और संस्कृति के प्रति सजग है. आदिकाल से चली आ रही आदिवासी परंपरा और संस्कृति को उन्होंने आज भी वैसे ही जिंदा रखा है. आपको बता दें कि जनजातियों में अलग-अलग भाषाएं और समुदायों की अपनी संस्कृति और परंपरा है. पाकुड़ में रहने वाले जनजातीय समाज के लोग आकर्षक रंगों से अपने घरों को सजाते हैं. 

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वहीं, पाकुड़ जिले के हिरणपुर प्रखंड विकास कार्यालय के ठीक सामने एक छोटा सा पहाड़ है. जहां आदिवासी समुदाय के लोग रंग-बिरंगी मिट्टी वर्षों से इस छोटे से पहाड़ में निकालते आ रहे हैं. आदिवासी समाज इस कला एवं संस्कृति को सहेजने का काम कर रही है. दरअसल, इस पहाड़ से निकलने वाली रंग-बिरंगी मिट्टी में लाल, भूरे, पीली, सफेद मिट्टी निकलते हैं. आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यह मिट्टी के घरों को सुंदर बनाने में काम आती है. फिलहाल बड़ा दिन के पर्व को लेकर लोग इस मिट्टी से अपने घरों की पोताई करेंगे और इसे सुंदर बनाएंगे.

रिपोर्ट - तपेश कुमार मंडल