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CM सोरेन का दावा फेल, स्थानीय आदिवासियों को किया जा रहा नजरअंदाज

साहिबगंज के तालझारी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बाकुडी पंचायत पर स्थित बाकूडी संथाली में एनआरईपी विभाग के देखरेख में लगभग 24 लाख की लागत से सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य कराया जा रहा है.

Updated on: 05 Dec 2023, 06:21 PM

highlights

  • सीएम सोरेन का दावा फेल
  • घटिया समान का हो रहा प्रयोग
  • आदिवासियों को किया जा रहा नजरअंदाज

Sahibganj:

साहिबगंज के तालझारी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बाकुडी पंचायत पर स्थित बाकूडी संथाली में एनआरईपी विभाग के देखरेख में लगभग 24 लाख की लागत से सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण कार्य में संबंधित विभाग के कन्या अभियंता की मिली भगत से टेंडर एजेंसी के द्वारा घटिया किस्म के ईंट व बालू के जगह गर्दी का प्रयोग करके जैसे तैसे कार्य कराया जा रहा है. साथ ही कार्य में भी स्थानीय आदिवासी मजदूरों को छोड़कर बाहरी मजदूरों से कार्य कराया जा रहा है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रदेश के सभी जिले में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाकर बहुमूल्य आदिवासी इलाकों में बसे गरीब लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा कर रही है.

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सीएम सोरेन का दावा फेल

साथ ही साथ मजदूर दबके के लोगों को उन्हीं योजनाओं की कार्य में रोजगार देने का भी दावा कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ साहिबगंज में जिला प्रशासन के नाक के नीचे सूबे के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन के दावे की धज्जियां, घपलेबाज, बिचौलियों के खुलेआम उड़ाई जा रही है. जिला प्रशासन आंख बंद करके बैठे हुए हैं. जानकारी के अनुसार बाकूडी संथाली में हो रहे उप स्वास्थ्य केंद्र से कुल 18 गांवों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो संवेदक के द्वारा स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरत रहे हैं.

स्थानीय आदिवासियों को किया जा रहा है नजरअंदाज

ग्रामीणों का आरोप है कि ईटा की क्वालिटी में काफी घटिया है. साथ ही घटिया स्तर का बालू आदिवासी ग्रामीण क्षेत्र में चर्चा का विषय है. इतना ही नहीं स्थानीय आदिवासी मजदूरों को नजर अंदाज कर पश्चिम बंगाल के मुशीर्दाबाद के मजदूरों से भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा है. वर्षों बाद क्षेत्र में बेहत्तर स्वास्थ्य सेवा बहाल होने की उम्मीद से जंहा लोगों में खुशी थी. वहीं, अब निर्माण कार्य में अनियमितता देख कर लोग आंदोलन के लिए गोलबंद हो रहे हैं. लाखों रुपए की लागत से हो रहे कार्य को लेकर स्थानीय मजदूरों में रोजगार मिलने की आशा जगी थी, लेकिन संवेदक पश्चिम बंगाल के मजदूरों से कार्य करवा रहे हैं. जिससे यहां के मजदूरों में निराशा है. कार्य के आभाव में बेरोजगार बैठे हैं. 

घटिया समान का हो रहा प्रयोग

स्थानीय मजदूर भवन निर्माण कार्य में घटिया ईट व बालू का हो रहा है. प्रयोग अनियमितता पर ग्रामीणों में निराशा स्वास्थ्य उपकेंद्र के प्रथम फेज का कार्य शुरू होने से स्थानीय लोगो में खुशी की लहर थी क्योंकि इस स्वास्थ्य उप केंद्र के निर्माण से बाकुडी संथाली और सुदूरवर्ती इलाकों के झारखंड सरकार के संरक्षित जनजातीय समुदायों के साथ-साथ अन्य समुदायों के गरीब लोगों को बेहद लाभ मिलेगा. बाकुडी पंचायत के कुल 18 गांवों के लोगों को अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलने की बात बताई जा रही है, लेकिन संवेदक के भवन निर्माण कार्य में अनियमितता बरते जाने के बाद स्थानीय लोगो में काफी मायूसी दिखी जा रही है. बताया जा रहा है कि किसी नेता का इस कार्य मे संवेदक के साथ साठ-गांठ रहने के कारण स्थानीय लोग खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं.