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41 विधायकों संग लतरातू डैम पहुंचे सीएम( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
झारखंड में सियासी संकट के बीच सीएम हेमंत सोरेन लगातार विधायकों संग बैठक कर रहे हैं. शनिवार को भी सोरेन ने विधायकों की बैठक बुलाई और बैठक के खत्म होने के बाद सभी 41 विधायकों के साथ सीएम रांची से रवाना हो गए. पहले तो सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई कि सीएम अपने सभी विधायकों के साथ छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुए हैं लेकिन फिलहाल जो तस्वीरें सामने आ रही है, उसमें देखा जा सकता है कि कैसे झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और आरजेडी के सभी विधायकों को रांची से बाहर खूंटी ले जाया गया है. सभी विधायकों के साथ सीएम लतरातू डैम पर बने रिजॉर्ट पहुंचे हैं. सीएम ने विधायकों के साथ एक सेल्फी शेयर की, जिसमें सभी खुश नजर आ रहे हैं. वहीं विजय हांसदा वोटिंग का लुफ्त उठाते दिख रहे हैं और उनके साथ उमाशंकर एकेला व सत्यानंद भोक्ता भी नजर आ रहे हैं.
जानकारी के अनुसार खूंटी के डीसी और एसपी लतरातू के डुमारगड़ी गेस्ट हाउस पहुंच गये हैं, जहां सीएम व विधायकों के लिए उचित व्यवस्था की जा रही है. वहीं प्रशासन ने विधायकों के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं और लतरातु जाने वाले हर रास्ते पर आवागमन को रोक दिया गया है. यहां तक कि मीडिया को पैदल जाने से भी रोक दिया जा रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि किलेबंदी के जरिए क्या सीएम हेमंत सोरेन अपनी सरकार बचा पाने में कामयाब हो पाते हैं या फिर सत्ता गंवानी पड़ सकती है.
क्या है मामला
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगाते हुए खनन लीज और शेल कंपनियों में हिस्सेदारी बताई गई है. दरअसल, विपक्षी पार्टी बीजेपी ने हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सीएम रहते हुए अपने नाम खदान आवंटित की थी. इतना ही नहीं सोरेन पर झारखंड के अनगड़ा में पत्थर खदान लीज पर लेने का भी आरोप है. साथ ही सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में इन्वेस्ट कर काफी संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
क्या होता है 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट'
पीआरएस रिसर्च के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 102 (1) A और 191 (1) के अनुसार कोई भी सांसद या विधायक ऐसे किसी भी पद पर नहीं बने रह सकते हैं, जहां से उन्हें वेतन या किसी प्रकार का भत्ता प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप में मिले यानि की किसी भी तरह के दूसरे फायदे मिले. भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9 (A) भी सांसदों और विधायकों को किसी अन्य पद से लाभ लेने पर रोक लगाती है.
वहीं हेमंत सोरेन पर खनन लीज और शेल कंपनियों में भागीदारी की वजह से ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बताया गया है.
Source : News Nation Bureau