झारखंड में राजनीतिक उठापटक जारी है. इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल रमेश बैस को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने सियासी उठापटक का जिम्मेदार बीजेपी को माना है. साथ ही सीएम सोरेन ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9A के प्रावधान के तहत खनन पट्टा लिये जाने से अयोग्यता की स्थिति पैदा ही नहीं होती. इसके अलावा सीएम ने चिट्ठी में मांग की है कि राज्य में तीन सप्ताह से भी ज्यादा समय से बने सियासी हालातों को लेकर कहा कि बीजेपी भूमिका बना रही है.
सीएम के पत्र में क्या?
राज्य में तीन सप्ताह से ज्यादा समय से असामान्य हालात
राज्य में बीजेपी की ओर से ये भूमिका रची जा रही है कि पत्थर खनन लीज मामले में मेरी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए
बीजेपी के नेता के सार्वजनिक बयान से साबित होता है कि निर्वाचन आयोग ने अपना मत बीजेपी को सौंप दिया है
बीजेपी इस भ्रम की स्थिति का उपयोग करने की कोशिश कर रही है
बीजेपी दल बदल के सहारे सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है
निर्वाचन आयोग के मत की एक कॉपी उपलब्ध कराई जाए
मत पर जल्द सुनवाई हो, ताकि अनिश्चितता के हालात दूर हों
वहीं, इस मामले में राज्यपाल से मिलने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट करके लिखा कि आज राजभवन में माननीय राजपाल रमेश बैस जी से मुलाकात कर राज्य में बीते तीन सप्ताह से ज्यादा समय से बने दुर्भाग्यपूर्ण हालातों और अनिश्चितता को दूर करने के लिए पत्र सौंपा जिससे इस भ्रम की स्थिति मे बीजेपी की ओर से किए जा रहे अनैतिक कोशिश से उसे रोका जा सके.
Source : News Nation Bureau