दिल्ली रवाना होने से पहले पिता शिबू सोरेन से मिले थे सीएम हेमंत, जानिए वजह

सीएम सोरेन ने रांची में अपने पिता और पूर्व सीएम और वर्तमान राज्य सभा सांसद शिबू सोरेन से मुलाकात की.

सीएम सोरेन ने रांची में अपने पिता और पूर्व सीएम और वर्तमान राज्य सभा सांसद शिबू सोरेन से मुलाकात की.

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Jatin Madan
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सीएम हेमंत सोरेन और पूर्व सीएम और वर्तमान राज्य सभा सांसद शिबू सोरेन( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

सीएम सोरेन ने रांची में अपने पिता और पूर्व सीएम और वर्तमान राज्य सभा सांसद शिबू सोरेन से मुलाकात की. सीएम सोरेन ने उन्हें 14 सितंबर 2022 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में 1932 खतियान आधारित झारखंड का स्थानीय निवासी की परिभाषा और पहचान के लिए विधेयक 2022 के गठन की स्वीकृति दिए जाने और अन्य बड़े निर्णयों के संबंध में अवगत कराया. सीएम ने भेंट-वार्ता के क्रम में कहा कि हमारी सरकार आपके सपनों को पूरा कर रही है. आपके लंबे संघर्ष और आंदोलन के बाद जिस उद्देश्य से अलग झारखंड राज्य मिला है. अब उस राज्य को हमारी सरकार हर क्षेत्र में बेहतर दिशा देकर आगे बढ़ा रही है. मौके पर शिबू सोरेन ने सीएम हेमंत सोरेन को हरेक राज्य वासियों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने का आशीर्वाद दिया.

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आपको बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो ऐतिहासिक फैसला लिए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट ने झारखंड में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी, एसटी और एससी के आरक्षण में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब इन दोनों ही विधेयकों को नौंवी अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र से अपील की जाएगी. नौंवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद ही ये नीति झारखंड में लागू होगा. सीएम हेमंत सोरेन के इस फैसले से झारखंडवासियों के चेहरे पर खुशी की लहर है.

वैसे तो सीएम हेमंत सोरेन ने कैबिनेट में 43 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई, लेकिन सबसे ज्यादा जिस प्रस्ताव की चर्चा हो रही है वो है 1932 का खतियान. अब ऐसे में सवाल उठता है कि 1932 का खतियान क्या है.

क्या है 1932 का खतियान?
देश में 1831 से 1833 के बीच कोल विद्रोह हुआ
विद्रोह के बाद विल्किंस रूल लाया गया
नियम के तहत कोल्हान की भूमि आदिवासियों के लिए सुरक्षित कर दी गई
कोल्हान का प्रशासनिक कार्यभार मुंडा और मानकी देखेंगे
1909 में बिरसा मुंडा के आंदोलन के बाद CNT एक्ट बना
आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों के पास जाने के लिए नियम बनाए गए
1913 से 1918 के बीच कोल्हान क्षेत्र का लैंड सर्वे किया गया
इसी सर्वे के जरिए आदिवासियों को जंगल पर हक दिया गया.

साथ ही आपको बता दें कि सियासी संकट के बीच सीएम हेमंत सोरेन दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरान खनन लीज मामले को लेकर कानून के जानकारों से लेंगे सलाह.

Source : News Nation Bureau

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