झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दायर सौ करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे में मंगलवार को स्थानीय अदालत में मुख्यमंत्री के वकील अनुपस्थित रहे और ट्विटर एवं फेसबुक की ओर से भी कोई पेश नहीं हुआ. वहीं, मामले में आरोपी गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने किसी की भावना को ठेस पहुंचाने के इरादे से सोशल मीडिया पर टिप्पणी नहीं की थी, बल्कि वह सिर्फ इन सार्वजनिक मामलों की जांच की मांग भर कर रहे थे. दुबे की ओर से वकील दिवाकर उपाध्याय ने अदालत में जवाब दाखिल किया. जवाब में निशिकांत दुबे ने कहा, ‘‘किसी की भावना को ठेस पहुंचाने की नीयत से मैंने सोशल मीडिया पर टिप्पणी नहीं की.
वही बातें कहीं जो सार्वजनिक हैं. ट्वीट करके मैं सिर्फ मामले की जांच की मांग कर रहा था.’’ दुबे ने मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों से जुड़े कई पोस्ट सोशल मीडिया पर किये थे, जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने चार अगस्त को सांसद निशिकांत दुबे, फेसबुक और ट्विटर पर 100-100 करोड़ रुपये मानहानि का दावा स्थानीय अदालत में किया था. सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री के अधिवक्ता मंगलवार को अदालत नहीं आये और न ही फेसबुक और ट्विटर की ओर से ही जवाब दाखिल किया गया है. मामले में वादी के अधिवक्ता के उपस्थित नहीं रहने के कारण अब दुर्गा पूजा की छुट्टी के बाद मामले की सुनवाई निर्धारित की गयी है.
Source : Bhasha