प्रवासी मजदूरों पर झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि भारत सरकार ने झारखंड के लोगों को वापस झारखंड में आने की अनुमति दे दी है. हमने छात्र-छात्राओं, विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली है. हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने शुक्रवार को बताया कि मजदूरों को लाने का कार्य अब अंतिम चरण में है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, 'मैं कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के बीच अन्य राज्यों में फंसे सभी छात्रों, प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों को आश्वस्त करता हूं कि हमारा प्रशासन जल्द ही आपसे संपर्क करेगा और राज्य में वापस आने में आपकी मदद करेगा. घबराओ मत.'
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इससे पहले गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के श्रमिकों को देश के सभी हिस्सों से हर कीमत पर वापस लाया जाएगा और उनके लिए रोजगार की भी व्यवस्था की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा था, 'जो श्रमिक देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे हैं, उनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा. विभिन्न राज्यों से आ रहे श्रमिकों के लिए राज्य सरकार रोजगार की व्यवस्था का भी प्रयास करेगी. इसके लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है.'
उन्होंने गुरुवार को कहा 'सरकार मनरेगा पर नये दिशानिर्देश लाने की तैयारी में है, ताकि अधिक रोजगार का सृजन हो सके। इससे श्रमिकों को उनके गांव में ही रोजगार मिलेगा. प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए नोडल पदाधिकारियों को नियुक्त किया गया है. कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पूरी सतर्कता बरती जाएगी.'
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उधर, भारतीय रेलवे ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण अपनी सेवाएं स्थगित करने के बाद तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए शुकव्रार को पहली विशेष ट्रेन चलाई. लॉकडाउन के कारण देशभर में हजारों प्रवासी फंस गए हैं और उनमें से कई ने तो पैदल चलकर घर पहुंचने की कोशिश की. गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यों को अपने निवासियों को बसों में लाने की अनुमति दे दी.
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