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भीम सिंह हत्याकांड में बोकारो पुलिस को मिली कामयाबी, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

सुपरवाइजर भीम सिंह हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी जयराम प्रसाद और राकेश कुमार को बोकारो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

Updated on: 13 Jan 2023, 05:37 PM

highlights

  • भीम सिंह हत्याकांड का खुलासा 
  • हत्या का मुख्य आरोपी गिरफ्तार
  • पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल

Bokaro:

सुपरवाइजर भीम सिंह हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी जयराम प्रसाद और राकेश कुमार को बोकारो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जय राम प्रसाद की गिरफ्तारी दुमका पुलिस के द्वारा की गई है, जिसे बोकारो पुलिस को सौंप दिया गया. इस मामले में आरोपी विजय यादव, लाला सिंह समेत अन्य अपराधी फरार है. 7 जनवरी की शाम 4 बजे राम मंदिर मार्केट के पास से भीम सिंह की जयराम प्रसाद सहित अन्य अपराधियों ने पहले पिटाई की. उसके बाद जयराम ने सेल्टोस नामक गाड़ी में बैठाकर मारपीट करते हुए शाम 6 बजे तक बोकारो शहर में घूमते रहे. जब उसकी मौत हो गई तो उसे बंगाल के पुरुलिया मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रूद्रगांव के पास श्मशान घाट रेल लाइन किनारे ले गए. पहचान छिपाने के लिए भीम के चेहरे को कुचल दिया और केरोसिन तेल से उसके शव को जला कर भाग गए.

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7 जनवरी को घटी घटना, 10 जनवरी को पुलिस ने मामला किया दर्ज
हालांकि पुलिस ने इस मामले में 10 जनवरी को मामला दर्ज किया, जबकि घटना 7 जनवरी की थी. पुलिस की बड़ी लापरवाही भी सामने आ रही है. सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार ने बताया कि इस मामले में आरोपियों को भी गिरफ्तार जल्द किया जाएगा. जयराम प्रसाद ने अपने इकबालिया बयान में चास के रहने वाले एक अन्य व्यक्ति की इस घटना में शामिल होने की बात कही. डीएसपी ने बताया कि भीम सिंह राम मंदिर शराब दुकान के सामने स्थित मार्केट में दिन के ढाई बजे से विजय यादव लाला सिंह और राकेश कुमार के साथ बैठकर शराब का सेवन कर रहा था.

भीम सिंह की हत्या के बाद शव को जलाया
इसी दौरान इन लोगों के बीच हाथापाई हो गई, उसके बाद राकेश कुमार ने जयराम प्रसाद को इस घटना की जानकारी दी. जयराम प्रसाद अपने कार से एक साथी के साथ मौके पर पहुंचा. पहले सभी ने मिलकर भीम की पिटाई की, उसके बाद गाड़ी में बैठा कर ले जाते वक्त भी उसकी पिटाई करने लगे. जब वह बेहोश हो गया और खून ज्यादा नाक से गिरने लगा तो उसे गाड़ी के पीछे वाले सीट में लेटाकर बंगाल ले जाया गया. जहां उस दौरान उसकी मौत हो गई. शव के जलाकर सबूत मिटाने का काम किया गया.

पुलिस की छवि बचाने की कोशिश
सिटी डीएसपी से लापरवाही के मामले पर पूछने पर बताया कि पुलिस ने किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती है. वहीं 3 महीने पहले सेक्टर-12 थाने में भीम के द्वारा जयराम पर रंगदारी मारने को लेकर ऑनलाइन एफआईआर के सवाल पर कहा कि अनुसंधानकर्ता ने जब भीम से पूछताछ की थी, तो जयराम पर कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया था. मामले में सीटी डीएसपी के द्वारा जिस प्रकार से बयान दिया जा रहा है. हम कह सकते हैं यह पुलिस की छवि को बचाने का काम है. अगर समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो भीम सिंह की हत्या नहीं होती.