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बोकारो के चेतन जोशी को मिलेगा सम्मान, संगीत नाटक अकादमी अवार्ड के लिए चुने गए

झारखंड के बांसुरी वादक चेतन जोशी को संगीत नाट्य अकादमी अवार्ड 2019 के लिए चुना गया है. संगीत जगत में उनके योगदान को देखते हुए अवार्ड के लिए उनका चुनाव हुआ है.

Updated on: 28 Nov 2022, 07:13 PM

highlights

.चेतन जोशी को मिलेगा सम्मान
.संगीत नाटक अकादमी अवार्ड के लिए चुने गए
.मशहूर बांसुरी वादकों में गिने जाते हैं चेतन जोशी
.बेहतरीन प्रदर्शन के लिए किया जाएगा सम्मानित
.विदेशों तक कर चुके हैं अपने कला की प्रदर्शनी

Bokaro:

झारखंड के बांसुरी वादक चेतन जोशी को संगीत नाट्य अकादमी अवार्ड 2019 के लिए चुना गया है. संगीत जगत में उनके योगदान को देखते हुए अवार्ड के लिए उनका चुनाव हुआ है. आपको बता दें कि चेतन जोशी भारतीय शास्त्रीय संगीत के जाने-माने बांसुरी वादकों में गिने जाते हैं. बीते 35 सालों से वो भारतीय शास्त्रीय संगीत को पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम कर रहे हैं. जापान और कोरिया समेत कई देशों में उन्होंने अपनी कला को प्रदर्शित किया है.

अपनी बांसुरी की धुन से दर्शकों का मन मोह लेने वाले झारखंड के बांसुरी वादक चेतन जोशी को साल 2019 के लिए संगीत नाटक अकादमी अवार्ड मिला है. बोकारो में संगीत नाट्य अकादमी 2019 के लिए चुने गए चेतन जोशी भारतीय शास्त्रीय संगीत के जाने-माने बांसुरी वादकों में से एक है. पिछले पैंतीस सालों से उन्होंने सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय शास्त्रीय संगीत को अलग पहचान देने में अहम भूमिका निभाई है. कई बड़े-बड़े मंचों से वो अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं.

संगीत दुनिया की उनकी लंबी पारी में उन्होंने बांसुरी बजाने की अद्वितीय शैली को विकसित किया और यही उनकी पहचान बन गई. उनके द्वारा विकसित की गई एक ही बांसुरी में साढ़े तीन सप्तक बजाने की पद्धति का उल्लेख तो अब तक कई शोध पत्रों में प्रकाशित भी हो चुका है. चेतन जोशी ने बहुत कम उम्र में ही बांसुरी बजाने की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी. उन्होंने गुरु शिष्य परंपरा के तहत बांसुरी सीखना शुरू किया. चेतन जोशी, मशहूर बांसुरी वादक स्व० पंडित रघुनाथ सेठ के शिष्य हैं. जाने-माने गायक स्व. आचार्य जगदीश और महान बांसुरी वादक स्व. पंडित भोलानाथ प्रसन्ना जी भी उनके गुरू रहे. चेतन जोशी का जन्म तत्कालीन बिहार में धनबाद में हुआ. सिंहभूम जिले के नोआमुंडी में उनका बचपन गुजरा. उनके पिता भूपेंद्र जोशी चायपत्ती के व्यापार में थे. चास के रामरूद्र उच्च विद्यालय में दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की. कुछ समय प्रयागराज में पढ़ने के बाद बोकारो कॉलेज से ग्रेजुएट हुए.

पढ़ाई के बाद उन्होंने संगीत जगत में कदम रखा और देखते ही देखते देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में शास्त्रीय संगीत का जाना-माना नाम बन गए. इससे पहले भी चेतन जोशी को कई अवार्ड मिल चुके हैं. उन्हें झारखंड सरकार की ओर से राज्य का सर्वोच्च कला सम्मान राजकीय सांस्कृतिक सम्मान भी मिल चुका है. वहीं, अपनी इस नई उपलब्धि को लेकर भी वो बेहद खुश हैं और अपने प्रशंसकों का आभार जता रहे हैं.

चेतन जोशी ने जापान और साउथ कोरिया में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया है. संगीत जगत में उनके अद्भुत योगदान के चलते कई मंचों से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. आज संगीत नाटक अकादमी अवार्ड का सम्मान लेकर उन्होंने एक बार फिर झारखंड राज्य का गौरव बढ़ा दिया है.

रिपोर्ट : संजीव कुमार

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