झारखंड (Jharkhand) में झामुमो गठबंधन की हेमंत सोरेन सरकार बनने के डेढ़ महीने बाद भाजपा (BJP) अपना विधायक दल का नेता चुनने जा रही है. 24 फरवरी को रांची (Ranchi) में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए बैठक होगी. दिल्ली से राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और पी.मुरलीधर राव इस बैठक में हिस्सा लेने पहुंचेंगे. जो विधायक दल का नेता बनेगा वहीं नेता प्रतिपक्ष भी होगा. 14 साल बाद भाजपा में घरवापसी करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिलने की अटकलें लगाई जा रही हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि नाम तो बाबूलाल मरांडी का ही आगे चल रहा है, मगर जो भी बनेगा मर्जी उन्हीं की चलेगी, क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई मीटिंग के बाद ही वह पार्टी में लौटे हैं.
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साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झटका खाने वाली भाजपा अब दिग्गज आदिवासी चेहरे बाबूलाल मरांडी के निर्देशन में ही राज्य की राजनीति को आगे बढ़ाना चाहती है. झारखंड में 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद से भाजपा ने विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं किया था. मगर 17 फरवरी को जैसे ही बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय किया. उसके अगले दिन ही राष्ट्रीय मुख्यालय से राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव को विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक बना दिया गया. इससे संकेत मिले कि भाजपा ने बाबूलाल मरांडी के इंतजार में विधायक दल के नेता का चुनाव टाल रखा था.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, 'नेता प्रतिपक्ष के तौर पर बाबूलाल मरांडी के नाम पर मुहर लगने की उम्मीद है. यह भी हो सकता है कि किसी अन्य नेता को यह जिम्मेदारी देकर एक रणनीति के तहत बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष या फिर राष्ट्रीय टीम में शामिल किया जा सकता है.'
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24 फरवरी को दोपहर 12 बजे से रांची प्रदेश कार्यालय पर भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें भाजपा के सभी 26 विधायक शामिल होंगे. विधायक दल का नेता चुनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दावेदार चेहरों के नाम पर भी चर्चा होगी.
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