BJP ने मदरसे को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा - बच्चों को शिक्षा की जगह मिलता है हथियार
शशिभूषण मेहता ने कहा कि जिले के मदरसों में बच्चों के भविष्य को खराब किया जा रहा है. यहां पढ़ाई के नाम पर बच्चों को आतंकवाद कैसे फैलाना है ये सिखाया जाता है. बच्चों को यहां हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है.
शशिभूषण मेहता ने कहा कि जिले के मदरसों में बच्चों के भविष्य को खराब किया जा रहा है. यहां पढ़ाई के नाम पर बच्चों को आतंकवाद कैसे फैलाना है ये सिखाया जाता है. बच्चों को यहां हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है.
Dr. Shashibhushan Mehta( Photo Credit : फाइल फोटो )
बीजेपी विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. जिसके बाद बवाल होना तय माना जा रहा है. मदरसे को लेकर जो उन्होंने बयान दिया है. उससे झारखंड की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है. उन्होंने हेमंत सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मदरसों में कोई पढ़ाई नहीं होती है बल्कि वहां आतंकवादी बनने की ट्रेनिंग दी जाती है. बच्चों को बन्दुक चलाना सिखाया जाता है. मदरसे में पढ़ने के बाद बच्चे केवल उग्रवादी और आतंकवादी ही बनते हैं.
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आतंकवाद फैलाना जाता है सिखाया
दरअसल पलामू के पिपराटांड़ थाना इलाके में छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक युवक को पकड़ा था जिसके पास से हथियार बरामद किया गया था. जिसको लेकर जब बीजेपी एमएलए डॉ. शशिभूषण मेहता से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जिले के मदरसों में बच्चों के भविष्य को खराब किया जा रहा है. यहां पढ़ाई के नाम पर बच्चों को आतंकवाद कैसे फैलाना है ये सिखाया जाता है. बच्चों को यहां हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है. यहां पढ़ने के बाद बच्चे अफसर और अधिकारी नहीं बल्कि उग्रवादी बनते हैं.
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मदरसे में पढ़कर कोई भी बच्चा दारोगा और सरकारी कर्मी नहीं बनता है. यहां बच्चों को शिक्षा की जगह हथियार मिलता है, उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी की सरकार झारखंड आएगी तो सबसे पहले सारे मदरसे को ही बंद कर दिया जाएगा और नई शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा. जो भी बच्चे मदरसे में पढ़ते हैं उन सभी का स्कूलों में एडमिशन कराया जाएगा ताकि पढ़ लिखकर वो अधिकारी और दारोगा बने, जिससे उनका भविष्य उज्जवल होगा.
HIGHLIGHTS
मदरसों में आतंकवादी बनने की दी जाती है ट्रेनिंग - शशिभूषण मेहता
बच्चों को बन्दुक चलाना सिखाया जाता है - शशिभूषण मेहता
आतंकवाद कैसे फैलाना है ये सिखाया जाता है - शशिभूषण मेहता