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प्रतीकात्मक चित्र( Photo Credit : फाइल)
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प्रतीकात्मक चित्र( Photo Credit : फाइल)
झारखंड में कांग्रेस प्रमुख रामेश्वर उरांव ने कहा कि पार्टी यहां विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ रही है. उनका आरोप है कि बीजेपी राज्य में अयोध्या राम मंदिर के मुद्दे को उठाकर सरकारी नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है. उरांव की यह टिप्पणी बीजेपी प्रमुख अमित शाह द्वारा झारखंड की चुनावी रैलियों में अयोध्या का मामला उठाने के कुछ दिन बाद आयी है. शाह ने कांग्रेस पर उच्चतम न्यायालय में इस मामले में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया था.
पूर्व आईपीएस अधिकारी उरांव को अगस्त में झारखंड कांग्रेस प्रमुख बनाया गया था. उन्होंने कहा कि पार्टी में अब गुटबाजी में कमी आई है और चुनाव के बाद राज्य इकाई के पदों को पुनगर्ठित किया जाएगा. उन्होंने साक्षात्कार में पीटीआई को बताया, ‘‘ पार्टी में गुटबाजी थी जो बाधाएं पैदा कर रही थी लेकिन ऐसे गुट जो बाधा डाल रहे थे, वह पार्टी से जा चुके हैं. डॉक्टर अजय कुमार, सुखदेव भगत और प्रदीप कुमार बालमुचु जा चुके हैं.’’
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उरांव ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल मुख्यमंत्री रघुबर दास नीत बीजेपी सरकार को रोकने की ‘ईमानदार कोशिश’ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गठबंधन राज्य की सड़कों की खराब स्थिति, अनियमित तौर पर जल और बिजली आपूर्ति, शिक्षकों की कमी की वजह से राज्य के स्कूलों की खराब स्थिति और शिक्षा में गुणवत्ता की कमी का मुद्दा उठा रहे हैं.
उरांव ने कहा, ‘‘ हम स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं न कि राष्ट्रीय मुद्दों पर.’’ चुनावी रैलियों में अमित शाह द्वारा अयोध्या राम मंदिर का मामला उठाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह एक ‘व्यर्थ कोशिश’ है और उच्चतम न्यायालय के फैसले के साथ ही इस मामले का हल निकल चुका है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ बीजेपी सरकार लोगों तक रोजी-रोटी पहुंचाने में विफल रही है इसलिए वह ध्यान भटकाने के लिए अयोध्या जैसे मामले उठा रही हैं.’’
उनसे जब चुनाव में बीजेपी द्वारा ‘राष्ट्रवाद’ का सहारा लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राज्य में सभी राष्ट्रवादी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ आदिवासी राष्ट्रवादी लोग हैं और इसलिए बीजेपी हमें राष्ट्रवाद नहीं सिखा सकती है.’’ राज्य में कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि बीजेपी सरकार राज्य में पीट-पीटकर हत्या वाली घटनाओं (मॉब लिंचिंग) और भुखमरी की घटनाओं को रोकने में नाकाम रही है. जेएमएम-कांग्रेस और राजद ने चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा राज्य में की है और संयुक्त रूप से हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया है. झारखंड में पांच चरणों में 30 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर के बीच चुनाव आयोजित किए जाएंगे और वोटों की गिनती 23 दिसंबर को होगी.
Source : Bhasha