पलामू में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी, इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
झारखंड के पलामू जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी मिली है.
highlights
- सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी
- नक्सल विरोधी अभियान
- 2015 से नक्सली संगठन में सक्रिय
Palamu:
झारखंड के पलामू जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी मिली है. नक्सलवाद के खात्मे के लिए झारखंड सरकार के द्वारा चलाए जा रहे आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर भाकपा माओवादी संगठन के दो सक्रिय नक्सली, संतु भुइयां और राजेश ठाकुर ने आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में भाकपा माओवादी का सब्जोनल कमांडर संतु भुइयां उर्फ संतोष के ऊपर 5 लाख का इनाम भी घोषित है. माओवादी नक्सली संतु भुइयां उर्फ संतोष भुइयां नौडीहा बाजार और माओवादी नक्सली राजेश ठाकुर नावाबाजार का रहने वाला बताया जा रहा है.
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सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी
संतु 5 लाख इनामी माओवादी हैं और उनपर करीब दो दर्जन से अधिक बड़ी घटनाओं में मामले दर्ज हैं. वहीं, नक्सली राजेश ठाकुर पर आधा दर्जन से अधिक घटनाओं में नाम शामिल है.आत्मसमर्पण के दौरान पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त ए.दोड्डे, पलामू एसपी चंदन सिन्हा, गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा, सीआरपीएफ कमांडेंट सुदेश कुमार ने दोनों नक्सलियों को माला पहनाकर बुके देकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. साथ ही एक- एक लाख का चेक भी प्रदान किया.
नक्सल विरोधी अभियान
गौरतलब है कि झारखंड में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. पिछले 1 साल से ऑपरेशन डबल बुल और ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत नक्सलियों के विरुद्ध ऑपरेशन के दौरान, सरंडा गोइलकेरा, तुंबाहाका, सहित बूढ़ा पहाड़ में नक्सलि कैंपों को भी ध्वस्त किया गया है, तो कई शीर्ष नक्सली कमांडरों को मार गिराया गया है. कई नक्सलियों की गिरफ्तारी भी हुई है, वहीं दर्जनभर से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण और पूर्ण आवास नीति के तहत मुख्यधारा से भी जुड़े हैं. आत्मसमर्पण के दौरान पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि दोनों आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार के आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति के तहत इसके और इसके परिवार वालों को सारी सुविधाएं मुहैया कराई जायेगी.
2015 से नक्सली संगठन में सक्रिय
आत्मसमर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी नक्सली के सबजोनल कमांडर संतु भुइयां और राजेश ठाकुर ने बताया कि वे अपने निजी समस्याओं को लेकर संगठन में शामिल होकर हथियार उठाने को मजबूर हुए थे. पिछले वर्ष 2015 से नक्सली संगठन में सक्रिय थे, लेकिन संगठन के द्वारा जो लोभ दिया जाता है. वह संगठन में शामिल होने के बाद नहीं मिलता सिर्फ संगठन में उनका उपयोग किया जाता है. वहीं, नक्सलियों ने बताया कि अपने बच्चे और परिवार के भविष्य को बनाने को लेकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं. साथ ही अपने साथियों से भी अपील कर रहे है कि वो भी सरकार के आत्मसमर्पण नीति के तहत पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करें और ज़िंदगी जी सके.
पलामू पुलिस की मानें तो सरकार की दोनों माओवादी नक्सलियो के आत्मसमर्पण के बाद माओवादी को एक बड़ा झटका लगा है. वहीं, प्रशासन ने और भी नक्सली संगठन से अपील की है कि वे भी हथियार छोड़कर सरकार के आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति के तहत पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करें. ज़िला प्रशासन उन्हें सरकार के द्वारा दी जा रही सभी योजनाओं का लाभ दिलाएगी.
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