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HC के आदेश के बाद मजबूर हुए बाघमारा के BJP विधायक ढुल्लू महतो, कोर्ट में किया सरेंडर

HC के आदेश के बाद मजबूर हुए बाघमारा के BJP विधायक ढुल्लू महतो, कोर्ट में किया सरेंडर

Updated on: 09 Jan 2023, 02:45 PM

highlights

  • विधायक ढुल्लू महतो ने किया सरेंडर
  • धनबाद कोर्ट में किया सरेंडर
  • अभियुक्त को जबरन पुलिस कस्टडी से छुड़ाने का है आरोप
  • पुलिस की वर्दी फाड़ने का भी है आरोप
  • 18 महीने की सुनाई गई थी सजा, 12 माह रह चुके हैं जेल में

Dhanbad:

बाघमारा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो ने आखिरकार कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. ढुल्लू महतो को हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर 2022 को ढुल्लू महतो को सरेंडर करने का आदेश दिया था. बता दें कि ढुल्लो महतो पर पुलिस की वर्दी फाड़ने, पुलिस अभिरक्षा से आरोपी को जबरन छुड़ाने का आरोप है. सरेंडर करने के बाद ढुल्लू महतो को जेल भेज दिया गया है. ढुल्लो महतो को हाईकोर्ट ने 10 जनवरी 2023 तक सरेंडर करने का आदेश दिया था. उन्होंने धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया. मामला 2013 का है. आरोप है कि ढुल्लू महतो ने अपने एक समर्थक को पुलिस कस्टडी से जबरन छुड़ाया था और पुलिसकर्मी की वर्दी भी फाड़ डाली थी.

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पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी फाड़ने और पुलिस हिरासत से एक वारंटी को छुड़ाने के मामले में सजायाफ्ता भाजपा विधायक ढुल्लू महतो ने सोमवार की सुबह धनबाद कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 12 दिसंबर को उन्हें चार हफ्ते के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया था. ढुल्लू महतो धनबाद जिले के बाघमारा इलाके के भाजपा विधायक हैं. उन्होंने इस केस में झारखंड हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन याचिका दायर की है. इसपर हाईकोर्ट ने उन्हें पहले निचली अदालत में सरेंडर करने को कहा था. हाईकोर्ट ने इसके लिए जो वक्त दिया था, उसकी मियाद आज पूरी हो रही थी. हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होनी है.

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बता दें कि विधायक ढुल्लू महतो पर वर्ष 2013 में सरकारी कार्य में बाधा डालने, पुलिस इंस्पेक्टर आरएन चौधरी की वर्दी फाड़ने और वारंटी राजेश गुप्ता को जबरन छुड़ाने का केस धनबाद के कतरास थाने में दर्ज हुआ था. इस मामले में ट्रायल के बाद धनबाद की अनुमंडल दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने अक्टूबर 2019 को उन्हें 18 महीने की सजा सुनाई थी. ढुल्लू महतो इसके बाद जेल गए थे. उन्होंने 18 माह की सजा में से करीब 12 महीने की सजा काट ली है. इसके बाद वे जमानत पर थे, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें पुन: जेल जाना पड़ा है.

विधायक ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. उन्होंने खुद को इस मामले में निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है.