झारखंड के 17 कोल ब्लॉक सहित देश भर के कुल 141 कोल ब्लॉक की नीलामी का छठा चरण अगले वर्ष 10 फरवरी तक पूरा कर लिया जायेगा. इसके लिए भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने टेंडर शेड्यूल जारी कर दिया है. झारखंड में 17 कोल ब्लॉक्स नीलाम होने से राज्य सरकार को सिक्योरिटी मनी और अन्य मद में एकमुश्त 1500 करोड़ का राजस्व हासिल होने की संभावना है. तय शेड्यूल के अनुसार कोयला ब्लॉक की नीलामी में भाग लेने की इच्छुक पार्टियों के साथ प्री-बिड मीटिंग 16 नवंबर को होगी. बिड जमा करने की आखिरी तारीख 30 दिसंबर तय की गई है। इसके बाद तकनीकी और वित्तीय बिड आयोजित की जायेगी और इसमें सफल कंपनियों को अगले वर्ष 24 जनवरी से लेकर 6 फरवरी तक आयोजित होनेवाले ई-ऑक्शन में भाग लेने का मौका मिलेगा.
झारखंड के जिन कोल ब्लॉक्स को नीलाम किया जाना है, उनमें बूढ़ाखाप स्मॉल पैच, नॉर्थ धादू वेस्टर्न एंड इस्टर्न, पर्बतपुर, पताल इस्ट, बिंजा, धुलिया नॉर्थ, दिग्घी धर्मपुर साउथ एवं नॉर्थ, गावा इस्टर्न और वेस्टर्न, गोमरापहाड़ी सिउलीबाना, मउसिंघा, पीरपैंती बराहाट, सीतनाला और चोरीटांड तिलैया शामिल हैं. इसके पहले विभिन्न चरणों की नीलामी में झारखंड की पांच कोल ब्लॉक्स की नीलामी हुई है. दूसरे चरण की नीलामी में जोगेश्वर और खास जोगेश्वर साउथ वेस्ट कोल ब्लॉक पिनेक्कल एक्सप्लोरेशन लिमिटेड को मिला है, जबकि रौउता कोल ब्लॉक और बूढ़ाखाप कोल ब्लॉक श्री सत्या माइंस प्राइवेट लिमिटेड को मिला था. इसके पूर्व हजारीबाग की गोंदलीपुरा कोल माइन्स में खनन का अधिकार नीलामी के आधार पर अदाणी समूह ने प्राप्त किया था.
झारखंड सरकार के खान विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य में इस साल के अंत तक पांच नये कोल ब्लॉक्स में उत्पादन शीघ्र शुरू किए जाने की उम्मीद है. अगले कुछ वर्षों में राज्य की कुल दो दर्जन से ज्यादा कोल ब्लॉक्स में उत्पादन शुरू होने से झारखंड में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी और इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. बता दें कि राज्य सरकार ने निजी कंपनियों में 40 हजार रुपए तक की सैलरी वाले पदों पर स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसदी आरक्षण का नियम लागू किया है.
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