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Ankita Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस दर्दनाक घटना ने न केवल न्याय प्रणाली पर सवाल उठाए, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता भी गहरा दी। 18 सितंबर 2022 को हुए इस हत्याकांड में अब, लगभग दो साल आठ महीने की लंबी सुनवाई के बाद, कोटद्वार कोर्ट ने रिजोर्ट मालिक समेत तीनों आरोपियों को दोषी ठहरा दिया है। यही नहीं कोर्ट ने तीनों दोषियों को कठोर उम्र कैद की सजा सुनाई और 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. कोटद्वार अदालत ने पुलकित, अंकित और सौरभ को उम्र कैद की सजा सुना दी है.
क्या था पूरा मामला?
अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थीं। 18 सितंबर 2022 को वह अचानक लापता हो गईं। कुछ दिनों बाद उनका शव पास की नहर से बरामद हुआ। जांच में सामने आया कि रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अपने दो सहयोगियों – सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता – के साथ मिलकर अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था।
Uttarakhand: Court convicts all three accused in Ankita Bhandari murder case
— ANI Digital (@ani_digital) May 30, 2025
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हत्या के पीछे की वजह
अभियोजन पक्ष के अनुसार, अंकिता और पुलकित आर्य के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। यह विवाद इतना बढ़ा कि पुलकित ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने अपराध स्वीकार भी किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया।
जांच और न्यायिक प्रक्रिया
इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था। SIT ने करीब 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, जिसमें 100 से अधिक गवाहों के बयान शामिल थे। न्यायिक प्रक्रिया लगभग 2 साल 8 महीने तक चली। इस दौरान अंकिता के परिवार की मांग पर तीन बार सरकारी वकील बदले गए। आखिरकार 30 मई 2025 को कोटद्वार की अदालत ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया।
परिवार को मिला समर्थन
अंकिता भंडारी की मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। जगह-जगह प्रदर्शन हुए, लोगों ने सड़कों पर उतर कर न्याय की मांग की। उत्तराखंड सरकार ने अंकिता के परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी और उसके पिता व भाई को सरकारी नौकरी प्रदान की। इसके अलावा, जिस रिजॉर्ट में वह काम करती थीं, उसे प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था।
राजनीतिक हलचल और सामाजिक प्रभाव
पुलकित आर्य भाजपा के तत्कालीन नेता विनोद आर्य का बेटा है। घटना सामने आने के बाद पार्टी ने विनोद आर्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस हत्याकांड ने समाज में गुस्से की लहर पैदा कर दी थी, खासकर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर। यह केस अब एक नजीर बन चुका है कि देर से ही सही, न्याय मिलता है।
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