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पवन पुत्र हनुमान की जन्मस्थली आंजन गांव, लोगों के आकर्षण का बना केंद्र

गुमला का फेमस आंजन गांव इन दिनों पर्यटकों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

Updated on: 28 Dec 2022, 04:59 PM

highlights

  • पवन पुत्र हनुमान की जन्मस्थली आंजन गांव
  • खूबसूरत वादियों के साथ आस्था से भी है जुड़ा 
  • लोगों के आकर्षण का केंद्र बना आंजन गांव
  • सर्दियों में पर्यटकों की बढ़ जाती है संख्या

Gumla:

गुमला का फेमस आंजन गांव इन दिनों पर्यटकों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बजरंगबली की जन्म स्थली के रूप में चर्चित होने के साथ ही सुंदर वादियों के बीच में होने की वजह से ये लोगों को अपनी ओर बर्बस ही खींच लेती है. झारखंड के गुमला जिले में प्रकृति की सुंदरता से परिपूर्ण वादियां हैं. इसकी प्राकृतिक सौंदर्यता को देखने के लिए लोग यहां खींचे चले आते हैं. हालांकि ये जगह एक और वजह से भी काफी खास महत्व रखती है. दरअसल गुमला की खूबसूरत वादियों में आंजन गांव बसा है. इस गांव को पवन पुत्र हनुमान की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है. जिला मुख्यालय से 20 किमी दूरी पर स्थित ये इलाका प्रकृति की सुंदर वादियों के बीच मौजूद है. लोग इन वादियों को देखने के अवाला प्रभु हनुमान की जन्मस्थली की आस्था से भी यहां आते हैं. जिससे उन्हें अलग सी शांति तो मिलती ही है. साथ ही उन्हें काफी अच्छा भी लगता है. जिसको कुछ इस तरह से वे बयां भी करते हैं.

हनुमान जी की जन्मस्थली की वजह से हाल ही के दिनों में सरकार की ओर से इस इलाके का काफी विकास किया गया है. जिससे इसकी खूबसूरती में और चारचांद लग गए हैं. विकास होने से यहां आना और जाना काफी सुगम हो गया है. यहां स्थित हनुमान मंदिर में पूजा स्थानीय बैगा करवाते हैं. उनके मुताबिक इसी गुफा में माता अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया था. आज भी गांव के आस पास में कई जगहों पर शिवलिंग है. जिसकी पूजा माता अंजनी किया करती थी. गांव में काफी साल पहले 365 तालाब और 365 महुआ के पेड़ हुआ करते थे. इन्ही तालाब में माता अंजनी स्नान किया करती थीं.

इस जगह का अपना ऐतिहासिक धार्मिक महत्व तो है ही साथ ही पहाड़ की काफी उंचाई पर होने से भी पर्यटक भी यहां खींचे चले आते हैं. सर्दियों में यहां काफी फोटोग्राफी भी होती है. स्थानीय लोगों के मुताबिक ये जगह गुमला के लिए बहुत बड़ा गिफ्ट है जो उन्हें प्रकृति से मिला है.

देखा जाए तो ये जगह प्राकृतिक संपदाओं से भरा पड़ा है. इसके बाद धार्मिक रूप से भी काफी अहम है. अब जरूरत है तो इसके उच्चस्तरीय विकास की. जिससे इसकी पहचान अंतरराष्ट्रीय फलक पर भी हो सके. जिससे विदेशों से भी यहां पर्यटक आने लगें ताकि गुमला के साथ-साथ प्रदेश के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिल सके और यहां के लोगों को रोजगार के अवसर.

रिपोर्ट : सुशील सिंह

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