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अंजलि शर्मा ने बनाई अनोखी घड़ी, जो करेगी घर से दूर महिलाओं की हिफाजत

वालिका-सुरक्षा आज के दौर की महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है. बेटियों के घर से निकलने और वापस घर लौटने तक माता-पिता की चिंता लगी ही रहती है.

Updated on: 19 Nov 2022, 05:50 PM

highlights

.बड़े काम की है ये घड़ी
.छोटी सी उम्र में बड़ी उपलब्धि
.छात्रा अंजलि शर्मा ने बनाई अनोखी घड़ी
.घड़ी करेगी महिलाओं की हिफाजत
.घड़ी में बटन दबाते ही बजेगा अलार्म

Bokaro:

वालिका-सुरक्षा आज के दौर की महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है. बेटियों के घर से निकलने और वापस घर लौटने तक माता-पिता की चिंता लगी ही रहती है. बढ़ते अपराध और असुरक्षित सामाजिक स्थिति में खास तौर से स्कूल-ट्यूशन जाने वाली छात्राओं के परिजन इस मामले में ज्यादा सतर्क रहते हैं. इसे लेकर परिवार और पुलिस के स्तर से सुरक्षात्मक उपाय तो किए ही जाते हैं, परंतु कहीं न कहीं वे नाकाफी साबित हो रहे हैं. बेटियां घर से निकल रही हो, बाजार जा रही हो तो परिवार को चिंतायें होने लगती है. सुरक्षा के तमाम दावे भले हो, लेकिन बेटियों के प्रति परिवार की सुरक्षा दावों पर नहीं टिकी होती है. परिवार की दिक्कतें अब दूर होने वाली है. बेटियों की सुरक्षा के लिए बोकारो की ही एक बेटी ने ऐसा डिवाइस बनाई है. जिसके जरिये मुश्किल हालात में भी वो परिवार और पुलिस से संपर्क कर सकती हैं. 

इस दिशा में तकनीक अब काफी कारगर दिख रही है और तकनीक की मदद से ही डीपीएस बोकारो की एक मेधावी छात्रा अंजलि शर्मा ने अनूठा सुरक्षा उपकरण तैयार किया है. अंजलि ने एक घड़ी बनाई है जिसके जरिये बेटियां घर के दहलीज तक सुरक्षित पहुंच जायेंगी. गर्ल्स सेफ्टी ऑटोमेटिक कॉलिंग वॉच महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़े काम की चीज है. इस घड़ी में बटन दबाते ही अलार्म बजेगा और परिजन और पुलिस तक खबर जाएगी. आपको बता दें कि इस घड़ी में एक सेंसर लगा हुआ है जो बटन दबाते ही एक्टिव हो जाएगा और घड़ी में सिम के जरिये फीड नंबर पर कॉल जायेगा. इसी दौरान एक कॉल थाने में भी जायेगा. इस कॉल के साथ-साथ SMS भी पहुंचेगा. फिर घड़ी में लगे GPS की लोक्शन को ट्रेक करके पुलिस मौके पर पहुंच जायेगी.

इस सुरक्षा कवच को बनाने के पीछे अंजलि की एक जिद्द भी है. दरअसल अंजलि जब दो साल की थी तो उसकी मां बस से सफर कर रही थी. बस में उनके साथ कुछ अनहोनी हुई. उनकी मदद करने कोई नहीं आया. किसी प्रकार से पुलिस को सूचित किया गया, जिसके बाद उन तक मदद पहुंची. तब से अंजलि ने ठान लिया कि ऐसा डिवाइस बनायेंगी जिससे बस चंद सेकेंड में खतरे की खबर उनके परिजनों को लग जाये. अंजलि की इस कामयाबी पर पूरे स्कूल को गर्व है.

आपको बता दें कि लगभग दो हजार रुपए खर्च पर अंजलि ने सेफ्टी ऑटोमेटिक कॉलिंग वॉच बनाई है. अंजलि इंजीनियरिंग के बाद एक आईएएस अधिकारी बनना चाहती है. 

रिपोर्ट : संजीव कुमार

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