रायपुर शिफ्ट हुए झारखंड UPA के सभी विधायक, सोरेन बोले- रणनीति के तहत हो रहा है सब कुछ

झारखंड के तमाम विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर लाया जा रहा है.

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Jatin Madan
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व्यवस्था के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के दो मंत्रियों को जिम्मेदारी.( Photo Credit : ANI)

झारखंड के तमाम विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर लाया जा रहा है. इन सबके बीच उन विधायकों की खातिरदारी के लिए तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. व्यवस्था से साफ है कि झारखंड के विधायकों को अभी रायपुर में लंबे समय तक रखा जा सकता है. रिसोर्ट में व्यवस्था के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के दो मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है. आपको बता दें कि झारखंड से विधायक जो आ रहे हैं उनके लिए शराब की भी व्यवस्था की जा रही है. राजधानी के मेफेयर रिसोर्ट में आबकारी विभाग की गाड़ी में महंगी महंगी शराब की बॉटल लाई गई है.

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आपको बता दें कि आज सभी विधायक और मंत्री रांची में सीएम आवास पहुंचे थे, जिसके बाद इंडिगो के विमान से सभी को रायपुर लाया गया है. पुलिस ने होटल की सुरक्षा बढ़ा दी है. माना जा रहा है कि विधायक छत्तीसगढ़ के रायपुर में रुकेंगे और राज्यपाल के फैसलें के बाद ही वापस रांची लौटेंगे. वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि राजभवन से EC को पत्र भेजने में वक्त लगेगा. पत्र भेजने में करीब दो और दिनों का वक्त लग सकता है. राज्यपाल ने विधि विशेषज्ञों से सलाह ली है.

वहीं, इससे पहले रांची में सभी विधायकों को एयपोर्ट छोड़ने गए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हम हर चीज के लिए तैयार हैं और स्थिति हमारे नियंत्रण में है. मैं विधायकों के साथ जाऊंगा या नहीं ये मैं बाद में बता दूंगा.

वहीं, सीएम हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. यह बैठक 1 सितंबर को शाम चार बजे बैठक होगी. बैठक में सुखाड़ पर राहत की घोषणा हो सकती है. इसके साठ ही कई प्रस्तावों पर भी मुहर लग सकती है. 

आपको बता दें कि दो दिन पहले भी सीएम हेमंत सोरेन 41 विधायकों के साथ तीन लग्जरी बसों में सवार होकर निकले थे, लेकिन खूंटी के डैम में बोटिंग के बाद रांची लौट गए थे.

झारखंड में पूरा मामला क्या है ?
CM सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप
बीजेपी ने राज्यपाल से शिकायत की थी 
सीएम रहते माइनिंग लीज लेने का आरोप लगा है
अनगड़ा में खदान लीज लेने का मामला है 
राज्यपाल ने चुनाव आयोग से राय मांगी थी 
2 मई 2022 को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था 
सीएम और बीजेपी की ओर से पक्ष रखा गया था 
दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने फैसला सुरक्षित रखा था 
लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा के उल्लंघन का आरोप है
बीजेपी ने धारा 9A के तहत सदस्यता रद्द मांग करने की थी.

बहरहाल अब झारखंड की सियासत में उलटफेर लगभग तय मानी जा रही है. अगर मुख्यमंत्री के खिलाफ फैसला आता है तो उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी. लिहाजा पार्टी में सीएम के चेहरे के लिए रेस शुरू हो गई है. JMM किसी भी कीमत पर सीएम की कुर्सी परिवार से बाहर नहीं जाने देगी. ऐसे में जो दो बड़े चेहरे सीएम रेस में आगे चल रहे हैं उनमे कल्पना सोरेन और सीता सोरेन का नाम शामिल हैं. कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी हैं. वहीं, सीता सोरेन सीएम की भाभी है और जामा विधानसभा से विधायक भी हैं.

Source : News Nation Bureau

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