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अयोध्या मामले पर झारखंड में अलर्ट, मुख्य सचिव बोले- जो भी फैसला हो, उसे स्वीकार करें

झारखंड के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने अयोध्या मामले पर आज आने वाले फैसले के मद्देनजर झारखंड के सभी नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया है.

Updated on: 09 Nov 2019, 10:38 AM

रांची:

अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के शनिवार को आने वाले फैसले को देखते हुए समस्त झारखंड में अलर्ट जारी किया गया है और मुख्य सचिव ने फैसले से पहले सभी जिला उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक बुलाई है. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि आज  मुख्य सचिव डा. डीके तिवारी सभी जिलों के उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य की विधि व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. 

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झारखंड के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने अयोध्या मामले पर आज आने वाले फैसले के मद्देनजर झारखंड के सभी नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया है और उनसे यह अपील की है कि जो भी फैसला आएगा उसे सभी स्वीकार करें. किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें. मुख्य सचिव ने कहा है, 'सजग रहते हुए किसी भी अफवाह और संदेहास्पद सामग्री या किसी अराजक तत्व द्वारा शांति भंग करने की सूचना मिलती है तो इसकी सूचना पुलिस और जिला प्रशासन को दें.'

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वहीं पुलिस ने भी लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने तथा सोशल मीडिया के उपयोग में संयम और सावधानी बरतने को कहा है. प्रदेश के पुलिस प्रवक्ता की तरफ से जारी संदेश में कहा गया, 'अयोध्या मामले पर आने वाले फैसले पर झारखंड के सभी नागरिकों से अपील है कि अयोध्या प्रकरण के दृष्टिकोण से सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर पुलिस सतत निगरानी बनाये हुए है. किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विवादित एवं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली पोस्ट करना, फारवर्ड करना, शेयर करना भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 295ए के तहत दंडनीय अपराध है जिसकी सजा अधिकतम पांच वर्ष तक की हो सकती है.'

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