दिल्ली के बाद रांची में सजा 'हुनर हाट', मुख्तार अब्बास नकवी और अर्जुन मुंडा ने किया शुभारंभ
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि भारत की शानदार स्वदेशी दस्तकारी को अंतर्राष्ट्रीय बाजार मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है.
Ranchi:
दिल्ली के बाद रांची में रविवार से 'हुनर हाट' सज गया है. हाट के सजते ही भीड़ उमड़ने लगी. रांची के हरमू मैदान में लगी इस हुनर हाट का आगाज केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने की. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि भारत की शानदार स्वदेशी दस्तकारी को अंतर्राष्ट्रीय बाजार मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पहली बार 'हुनर हाट' का आयोजन झारखंड में किया जा रहा है.
दिल्ली में 13 फरवरी से 23 फरवरी तक इंडिया गेट लॉन, राजपथ पर आयोजित किए गए हाट के बारे में जानकारी देते हुए नकवी ने कहा, "हुनर हाट' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर से आए दस्तकारों, शिल्पकारों विशेषकर महिला कारीगरों की हौसलाअफजाई की और उनके हुनर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली."
उन्होंने कहा, "23 फरवरी को प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' में 'हुनर हाट' एवं उसमें भाग ले रहे दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों एवं उनके स्वदेशी उत्पादों की प्रशंसा कर भारत में दस्तकारी की शानदार विरासत को जानदार बनाने के संकल्प को दोहराया."
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नकवी ने कहा कि 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हुनर हाट' में लगभग 1 घंटे के भ्रमण के बाद 'हुनर हाट' आने वाले लोगों की संख्या में 60 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि हुई. 11 दिनों में 17 लाख से अधिक देश-विदेश से लोगों ने आ कर 'हुनर के उस्तादों' की हौसलाअफजाई की और 'बावर्चीखाना' में विभिन्न राज्यों के पारम्परिक लजीज पकवानों का लुत्फ उठाया.
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय मिल कर देश के हुनर को वैश्विक पहचान और अंतर्राष्ट्रीय बाजार-मौका उपलब्ध करा रहे हैं. 'हुनर हाट' एक प्रभावी अभियान है जो आम नागरिक की क्षमता को देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भागीदार बना रहा है.
अर्जुन मुंडा ने कहा, "हुनर हाट' भारत की पारम्परिक ताकत और हुनर को अवसर मुहैया करा रहा है. 'हुनर हाट' भारत की पारंपरिक संस्कृति, विरासत को जानने-समझने का एक बड़ा मंच साबित हुआ है."
गौरतलब है कि रांची के हाट में 125 स्टॉल लगाए गए हैं. जिनमें देश के हर कोने से 250 से ज्यादा दस्तकार, शिल्पकार भाग ले रहे हैं. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं. ये कारीगर अपने साथ देश भर के हस्तशिल्प एवं हस्तकरघा के स्वदेशी दुर्लभ उत्पाद लाए हैं. वहीं 'बावर्चीखाना' में विभिन्न राज्यों के लजीज पारंपरिक पकवान अपनी सुगंध बिखेर रहे हैं. इसके अलावा रोजाना हाट में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा.
नकवी ने कहा, "पिछले 3 वर्षो में 'हुनर हाट' के माध्यम से 3 लाख से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए हैं, इनमें बड़ी संख्या में महिला कारीगर एवं दस्तकार शामिल हैं."
अगला 'हुनर हाट' का आयोजन चंडीगढ़ में 13 मार्च से 22 मार्च, 2020 तक आयोजित किया जाएगा. आने वाले दिनों में 'हुनर हाट' का आयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, भोपाल, नागपुर, रायपुर, पुडुचेरी, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, अजमेर आदि में किया जाएगा. इससे पहले दिल्ली, मुंबई, प्रयागराज, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुडुचेरी, इंदौर आदि स्थानों पर 'हुनर हाट' आयोजित किए जा चुके है.
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