जुल्म और तानाशाही कितनी भी कोशिश कर ले, एक ना एक दिन जुल्म और तानाशाही के खिलाफ छोटी सी चिंगारी विकराल रूप धारण कर लेती है. सहने की भी एक सीमा होती है, जब किसी रबड़ के दो सिरों को पकड़कर खींचते हैं और जब ज्यादा जोर पड़ता है तो रबर टूट कर खींचने वाले को टूटते-टूटते दर्द दे जाता है. यही हाल वर्तमान में पत्थर व्यवसायियों के साथ किया जा रहा है. पत्थर व्यवसायी अब प्रशासनिक कारवाई से टूट चुका है. मंगलवार को शहर के सिंधि धर्मशाला में पाकुड़ जिला पत्थर व्यवसायी संघ की बैठक आयोजित की गई.
बैठक की अध्यक्षता संघ के किशोर खेमानी ने किया. श्री खेमानी ने कहा पाकुड़ जिला प्रशासन और खनन विभाग पाकुड़ जिले के पत्थर व्यवसाय को कुचलने में लगी है. इसलिए आगामी 12 अगस्त से जिले भर के पत्थर व्यवसाई पत्थर उत्खनन और परिवहन कार्य को अनिश्चित कालीन ठप कर देंगे. उन्होंने कहा कि तानाशाही जब हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो उसके खिलाफ उठती हर आवाज तानाशाही और जुल्म को गहरी चोट दी जाती है.
उन्होंने कहा पत्थर व्यवसाय पाकुड़ जिले की आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है. हजारों मजदूरों के परिवार को भरण पोषण कर रही है, लेकिन खनन विभाग वैध रूप से कार्य कर रहे व्यवसायियों को कुचलने में लगी है. जो हमलोग किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं. उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा हालात के मद्देनजर जिले भर के व्यवसायी पत्थर कारोबार को बंद रखेंगे.
जिलेभर में घूम-घूम कर पत्थर व्यवसायियों को करेंगे जागरूक
संघ ने निर्णय लिया है कि जो व्यवसायी बैठक में उपस्थित नहीं हुए हैं, जिलेभर में घूम-घूम कर व्यवसाय को बंद रखेंगे. इसके लिए 16 सदस्यी कमिटी बनाई गई है, जिसमें सोमित्रो घोष, महबुल सेख, अमरजीत सिंह, संजय सिंह, संजय टेबड़ीवाल, गौरव चौधरी, जितेंद्र बेलानी, लाल बहादुर सिंह, नुरूजमान सेख, इशाक सेख, सतीश लखमानी, प्रदीप गुप्ता, अली रेजा, मनोहर लाल साधवानी, अज़हर इस्लाम, राजीबुल सेख आदि रहेंगे और जिलेभर के पत्थर व्यवसायियों को एकजुट करेंगे.
Source : News Nation Bureau