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झारखंड के पलामू जिले में लगता है भूतों का अनोखा मेला, आस्था या अंधविश्वास?

पलामू में साल में दो बार भूतों का अनोखा मेला लगता है, जिसमें देश के कोने-कोने से भक्त पहुंचते हैं. वहीं, इस साल भी हैदरनगर देवी धाम मेले में भक्तों की भीड उमड़ी.

Updated on: 28 Mar 2023, 06:08 PM

highlights

  • पलामू जिले में लगता है भूतों का अनोखा मेला
  • कई राज्यों से पहुंचते हैं लोग
  • आस्था या अंधविश्वास?

Palamu:

पलामू में साल में दो बार भूतों का अनोखा मेला लगता है, जिसमें देश के कोने-कोने से भक्त पहुंचते हैं. वहीं, इस साल भी हैदरनगर देवी धाम मेले में भक्तों की भीड उमड़ी. बता दें कि इस मेले में झारखंड के अलावा उसके पड़ोसी राज्य बिहार, उड़ीसा समेत कई अन्य राज्य के श्रद्धालु भी शामिल होने के लिए पहुंचते हैं. यहां पर साल में दो बार कार्तिक और चैत्र नवरात्र में ये भूतों का अनोखा मेला लगता है. नवरात्र में 9 दिनों तक इस मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रहती है.

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साल में दो बार इस जगह पर लगता है भूतों का मेला

झारखंड के पलामू में साल में दो बार लगने वाला भूतों के मेले में हर साल की तरह इस साल भी हैदरनगर देवी धाम पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. मुख्यालय मेदिनीनगर से 70 किलोमीटर दूर हैदरनगर देवी धाम पर आस्था के आड़ में अंधविश्वास भी चरम पर है. लोग आस्था में डूबे हुए हैं और अंधविश्वास में लीन लोग आपको इस मेले में दिख जाएंगे.

कई राज्यों से लोग मन्नत लिए पहुंचते हैं यहां

जहां साल में दो बार कार्तिक और चैत्र नवरात्र में भूतों का मेला लगता है. कई राज्यों से लोग यहां अपनी-अपनी मन्नतें लेकर आते हैं और मां के मंदिर में मन्नत मांगते हैं. ज्यादातर लोगों का इस देवी मां की मंदिर में आस्था व पूर्ण विश्वास है कि यहां आकर जो मांगों, वह जरूर पूरा हो जाता है. यही वजह है कि हर साल लोगों की तादात बढ़ती जा रही है. वहीं, यहां आस्था के नाम पर अंधविश्वास भी देखने को मिलता है. हजारों की संख्या में तांत्रिक और ओझा यहां आते हैं, जो लोगों के अंधविश्वास का फायदा भी उठाते हैं.

आस्था या अंधविश्वास?

लोग ओझाओं की बात पर झुमते हुऐ नजर आते हैं. दरअसल, इस देवी धाम पर नवरात्र के चलते साल में दो बार भूतों का मेला लगता है. पहला चैत नवरात्र व दूसरा कार्तिक शारदीय नवरात्र में 9 दिनों तक इस मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मंदिर समिति के लोगों का भी कहना है कि कई वर्षों से यहां पर श्रद्धालु आते हैं. अपनी समस्या लेकर और उनकी समस्याओं का निदान माता के द्वारा हो जाता है.