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Jharkhand News: कोडरमा में एक पेड़ दे रहा है भ्रष्टाचार की गवाही, जानिए पूरा मामला

सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है. कई बार आम जनता इसका खुलासा करती है तो कई बार अधिकारी भ्रष्टाचारियों का पर्दाफाश करते हैं, लेकिन जब अधिकारी और बिचौलियों की मिली भगत से धांधली हो रही हो और जनता की आवाज कोई ना सुने तब क्या होगा.

Updated on: 03 May 2023, 05:13 PM

highlights

  • पेड़ दे रहा भ्रष्टाचार की गवाही!
  • सड़क निर्माण में घटिया सामान का इस्तेमाल
  • निर्माणाधीन सड़क के बीच उग गया पेड़
  • शिकायत के बाद भी मामले पर कार्रवाई नहीं

Koderma:

सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है. कई बार आम जनता इसका खुलासा करती है तो कई बार अधिकारी भ्रष्टाचारियों का पर्दाफाश करते हैं, लेकिन जब अधिकारी और बिचौलियों की मिली भगत से धांधली हो रही हो और जनता की आवाज कोई ना सुने तब क्या होगा. कोडरमा में सड़क के बीचों बीच उगा एक ताड़ का पेड़ सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार की गवाही दे रहा है. भ्रष्टाचार से बनी अलकतरा रोड को चीरकर बाहर आया ये पेड़ अधिकारियों की मिलीभगत और सरकारी पैसों की बंदरबांट की बानगी पेश कर रहा है.

सरकारी योजना भ्रष्ट सिस्टम के भेंट

कोडरमा जिले में एक बार फिर एक सरकारी योजना भ्रष्ट सिस्टम के भेंट चढ़ रही है. जिले में 22 किलोमीटर की सड़क निर्माण का काम भगवान भरोसे हो रहा है. योजना में धड़ल्लले से धांधली हो रही है. सड़क निर्माण में फिलहाल जीएसबी ग्रेड 2 का काम चल रहा है, लेकिन सड़क का हाल देखकर लग रहा है मानो आंखों पर पट्टी बांधकर निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है. दरअसल ढाब से सतगावां तक पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से करीब 22 किलोमीटर की सड़क का निर्माण 23 करोड़ की लागत में होना है, लेकिन सड़क निर्माण में घटिया मैटेरियल का इस्तेमाल हो रहा है. घटिया निर्माण का मुद्दा जिला परिषद सदस्य नीतू कुमारी ने भी जिला परिषद की बैठक में उठाया, लेकिन फिलहाल इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आलम ये है कि सड़क के बीचों बीच अभी से तार का पेड़ उग आया है.

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जांच का बात कहकर झाड़ा पल्ला

एक तरफ करोड़ों की लागत से बनने वाली सड़क में धांधली हो रही है, लेकिन अधिकारियों की मानें तो उन्हें इसकी खबर ही नहीं है. अधिकारी भी कोई और नहीं बल्कि पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता की बात कर रहे हैं. जब इनसे सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर सवाल किए गए तो पहले तो सड़क में अनियमितता की बात से ही इंकार कर दिया, लेकिन जब तस्वीरें दिखाई गई तो जांच करने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया.

भ्रष्टाचार और धांधली सिर्फ कोडरमा की परेशानी नहीं है. ज्यादातर जिलों में सरकार की योजना जनता तक पहुंचते पहुंचते यूं ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है. जरूरत है कि इन मामलों को गंभीरता से लिया जाए और भ्रष्टाचारी अधिकारियों के साथ ही बिचौलियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि जनता के हक पर सेंधमारी ना हो.

रिपोर्ट : अरुण बर्नवाल