9वीं की छात्रा ने दिव्यांगजनों के लिए बनाई अद्भुत मशीन, सरकार ने दी प्रोत्साहन राशि
डीपीएस बोकारो की छात्रा अंजली शर्मा ने अक्षम लोगों को एक बड़ी राहत दी है. अंजली 9वीं कक्षा की छात्रा है और उसने हाइटेक सुविधाओं से युक्त एक बैसाखी बनाई है. जो समय आने पर कुर्सी में भी तब्दील हो जाती है.
जो लोग शारीरिक रूप से लाचार होते हैं उनके लिए जीवन इतना आसान नहीं होता है. उन्हें दूसरे के सहारे अपनी जिंदगी जीनी पड़ती है. उनका बैसाखी ही उनका एक मात्रा सहारा होता है, लेकिन इस बैसाखी से वो ज्यादा दूर तक चल नहीं पाते हैं ऐसे में उन्हें दूसरे का सहारा लेना पड़ता है. बोकारो की छात्रा अंजली शर्मा ने एक ऐसी कुर्सी बनाई जिससे देख शारीरिक रूप से लाचार व्यक्ति के चहेरे पर खुशी आ गई क्योंकि ये एक ऐसी कुर्शी है जो कभी बैसाखी बन जाती है और जब इंसान थक जाए तो कुर्सी बन जाती है.
हाइटेक सुविधाओं से युक्त अंजलि ने बनाई बैसाखी
डीपीएस बोकारो की छात्रा अंजली शर्मा ने अक्षम लोगों को एक बड़ी राहत दी है. अंजली 9वीं कक्षा की छात्रा है और उसने हाइटेक सुविधाओं से युक्त एक बैसाखी बनाई है. जो समय आने पर कुर्सी में भी तब्दील हो जाती है. चलते-चलते जब इंसान थक जाए तो बैसाखी के दोनों ओर लगी एडजस्टेबल सीट को आपस में जोड़कर कुर्सी का रूप दिया जा सकता है. इस बैसाखी का नाम 'ऑल इन वन हैंड क्रचेज' है. जिसे इस साल भारत सरकार की महत्वाकांक्षी इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के लिए चयनित किया गया है.
सरकार की तरफ से दी गई 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि
वहीं, इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अंजलि को सरकार की तरफ से 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी गई है. इस बैसाखी की सबसे खास बात ये है कि परिजनों को बैसाखी की लोकेशन मिलती रहेगी वो कहां जा रहे हैं, कौन से रास्ते से जा रहे हैं ये सबकुछ परिजन घर बैठे ही जान पाएंगे. केवल यही नहीं किसी इमरजेंसी में इससे परिजनों को फोन भी चला जाएगा. अंजली ने इस यंत्र को लेकर बताया कि इसमें सेंसर, एमसीयू, सिम आदि को इंस्टॉल कर ऑटोमेटिक कॉलिंग की सुविधा दी गई है. दिव्यांगजनों के लिए ये आविष्कार किसी वरदान से कम नहीं है.