गढ़वा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां PDS के दुकानदार ने आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर 80 लोगों को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया है और उनके राशन कार्ड को रद्द कर दिया. 6 साल से ये लोग कलेक्ट्रेट और दूसरे कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई है. ये हैरान करने वाला मामला जिले के कांडी प्रखंड के जयनगरा गांव का है. जहां एक दो नहीं बल्कि 80 परिवारों के नाम राशन कार्ड योजना से हटा दिए गए हैं. इन सभी लोगों को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया और इनके राशक कार्ड रद्द कर दिए गए.
PDS के दुकानदार ने आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर 6 साल पहले ही नाम हटाने का काम किया. अब लगातार 6 सालों से पीड़ित परिवार राशन कार्ड बनवाने के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. मामले की छानबीन के लिए NEWS STATE BIHAR JHARKHAND ग्राउंड जीरो पर पहुंची. तो पता चला कि श्रद्धा देवी के यहां पांच सदस्यों का नाम राशन कार्ड से मृत बताकर काट दिया गया है. वहीं, दूसरे ग्रामीण जय प्रकाश नारायण के यहां चार सदस्यों के नाम मृत बता कर काट दिए गए हैं. नामों का सिलसिला खत्म ही नहीं हो रहा था. गांव में ऐसे कुल 80 परिवार थे जिनके नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए. इस बात की जानकारी इन्हें तब लगी जब राशन डीलर के पास राशन लेने गए तो इन्हें बताया गया कि कोरोना काल में उनके परिवार को मृत घोषित कर दिया गया है.
एक तरफ 80 परिवार खुद को जिंदा साबित करने के लिए कलेट्रेट और दूसरे कार्यालयों के चक्कर काट रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ आरोपी डीलर जय गोविंद सिंह सभी आरोपों को निराधार बता रहा है. वहीं, मामले को लेकर डीसी रमेश घोलप का कहना है कि जनता दरबार मे ये मामला आया है, और लिखित में आवेदन दिया गया है. मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
बहरहाल मामले पर जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन यहां कई बड़े सवाल खड़े होते हैं. सबसे पहला सवाल ये कि जिस डीलर पर आरोप लगे हैं वो पहले भी तीन बार सस्पेंड हो चुका है. ऐसे में उसे दोबारा लाइसेंस कैसे मिला, ये जांच का विषय है. साथ ही ग्रामीणों की मानें तो BDO को मामले की जानकारी थी वो गांव भी आए थे, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में ये प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करता है.
रिपोर्ट : धर्मेन्द्र कुमार
Source : News Nation Bureau